हरियाणा का वाटर एटलस तैयार | 13 Dec 2022

चर्चा में क्यों?

11 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (HWRA) द्वारा दशकों तक काम करने के बाद अब हरियाणा का वाटर एटलस तैयार कर लिया गया है। इसे इसी महीने के अंत में लॉन्च किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु  

  • एटलस के ज़रिये अब हर साल राज्य के गिरते भू जल स्तर की जानकारी मिल सकेगी। इसके साथ ही पाँच सालों में वाटर डिमांड-सप्लाई का डाटा भी तैयार हो सकेगा। एटलस के ज़रिये होने वाले मिट्टी के कटाव और बारिश के पैटर्न को भी बताया जाएगा। एटलस के ज़रिये राज्य के किसानों को उनके क्षेत्र में जल स्तर को समझने में काफी मदद मिलेगी।
  • एटलस बनाने पर काम कर रहे हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (HWRA) के अनुसार प्राधिकरण एक्विफर (जल धारण करने वाली चट्टान की भूमिगत परत) का मैप बना रहा है। इस कार्य में हरियाणा अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (HARSAC) भी सहयोग कर रहा है।
  • राज्य के वाटर एटलस में पानी की डिमांड और सप्लाई का आने वाले 5 सालों का डाटा होगा। इसमें हर गाँव के परिवार को पानी की ज़रूरत के साथ ही गाँवों के पानी के स्रोतों को भी उल्लेख होगा। यह डाटा पानी के अंतर को मैप करने और अपशिष्ट जल का दोबारा उपयोग करने के तरीकों पर रणनीति बनाने में मदद करेगा।
  • विदित है कि हरियाणा राज्य के गठन के समय से ही राज्य में भू-जल स्तर गिरता जा रहा है। हर साल भूजल में एक मीटर की गिरावट आ रही है। राज्य में औसतन भू-जल स्तर 65 मीटर है। कुरुक्षेत्र में यह 42.4 मीटर, करनाल में 22.2 मीटर, कैथल में 32.95 मीटर तक नीचे जा चुका है, जबकि महेंद्रगढ़ में भू-जल स्तर सबसे अधिक नीचे है जो 48.36 मीटर तक जा चुका है।