हरियाली प्रसार योजना | 06 Apr 2022

चर्चा में क्यों?

5 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा संचालित ‘हरियाली प्रसार’ योजना के अंतर्गत तीन वर्षों (2019, 2020 तथा 2021) में 83 लाख 31 हज़ार पौधों का रोपण किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • हरियाली प्रसार योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में एक हज़ार 600 हेक्टेयर रकबा, 2020-21 में 3 हज़ार हेक्टेयर रकबा तथा 2021-22 में 2 हज़ार 800 हेक्टेयर रकबा (कुल 7 हज़ार 400 हेक्टेयर रकबा) हरियाली से आच्छादित हुआ।
  • इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 18 लाख 56 हज़ार पौधों, वर्ष 2020-21 में 33 लाख 80 हज़ार पौधों तथा वर्ष 2021-22 में 30 लाख 95 हज़ार पौधों का रोपण किया गया है। 
  • हरियाली प्रसार योजना के तहत वर्ष 2019-20 में 10 हज़ार 497 हितग्राही, वर्ष 2020-21 में 20 हज़ार 16 हितग्राही तथा वर्ष 2021-22 में 13 हज़ार 651 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं।
  • इस योजना के अंतर्गत सागौन, बाँस, खम्हार, आंवला, शीशम, चंदन, मीलिया-डुबिया, क्लोनल नीलगिरि, टिशू कल्चर बाँस, टिशू कल्चर सागौन, आम, कटहल, मुनगा, सीताफल एवं अन्य प्रजातियों के पौधों का रोपण शामिल हैं।
  • उल्लेखनीय है कि हरियाली प्रसार योजना के तहत कृषकों की स्वयं की भूमि पर कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने और हरियाली को बढ़ाने के लिये वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा प्रति हितग्राही 50 से 5 हज़ार तक पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं तथा उनकी देखरेख के लिये अनुदान के रूप में आंशिक राशि भी उपलबध कराई जाती है। इससे कृषकों को लगभग 30 हज़ार रुपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष का लाभ अर्जित हो सकेगा।