GST चोरी: 19,690 करोड़ रुपए के फर्ज़ी क्रेडिट दावे | 30 Mar 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वस्तु और सेवा (GST) चोरी के रूप में फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों में पाए गए मूल्य के मामले में दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा शीर्ष पर रहा।

मुख्य बिंदु

  • चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 (जनवरी तक) में भारत में फर्ज़ी ITC दावों के लिये कुल 1,999 मामले दर्ज किये गए हैं, जिसमें 19,690 करोड़ रुपए की राशि शामिल हैं।
  • FY24 (जनवरी तक) में फर्ज़ी ITC दावों में शामिल राशि FY23 में 1,940 मामलों में पाए गए 13,175 करोड़ रुपए से 49% अधिक है।
  • आँकड़ों के अनुसार, मूल्य निर्धारण के मामले में हरियाणा और दिल्ली 10,851 करोड़ रुपए की राशि के साथ शीर्ष पर रहे। चालू वित्त वर्ष में GST के तहत फर्ज़ी ITC दावों में पकड़ी गई कुल 19,690 करोड़ रुपए की राशि में हरियाणा और दिल्ली की हिस्सेदारी 55% है।

इनपुट टैक्स क्रेडिट

  • यह वह कर है जो कोई व्यवसाय किसी खरीदारी पर चुकाता है और इसका उपयोग वह बिक्री करते समय अपनी कर देनदारी को कम करने के लिये कर सकता है।
  • इसका अर्थ है कि आउटपुट पर कर का भुगतान करते समय, कोई व्यक्ति इनपुट पर पहले से भुगतान किये गए कर को कम कर सकता है और शेष राशि का भुगतान कर सकता है।
  • अपवाद: GST कंपोजीशन स्कीम के तहत कोई व्यवसाय इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं उठा सकता है। व्यक्तिगत उपयोग या छूट प्राप्त वस्तुओं के लिये ITC का दावा नहीं किया जा सकता है।

GST काउंसिल

  • अनुच्छेद 279A - GST के प्रशासन और संचालन के लिये राष्ट्रपति द्वारा GST परिषद का गठन किया जाएगा। इसके अध्यक्ष भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री हैं और राज्य सरकारों द्वारा नामित मंत्री इसके सदस्य हैं।
  • परिषद को इस तरह से तैयार किया गया है कि केंद्र के पास 1/3 मतदान शक्ति होगी और राज्यों के पास 2/3 मतदान शक्ति होगी।
  • निर्णय 3/4 बहुमत से लिये जाते हैं।