गाज़ियाबाद में ग्रीन डाटा सेंटर | 28 Jun 2025

चर्चा में क्यों? 

उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में अत्याधुनिक ग्रीन डाटा सेंटर का उद्घाटन किया गया।

मुख्य बिंदु

  • परियोजना विवरण:
    • यह परियोजना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) और ESDS के बीच एक संयुक्त पहल है। 
    • इसमें 1,000 करोड़ रुपए का अनुमानित निवेश प्रस्तावित है तथा इसकी क्षमता 30 मेगावाट होगी।
  • संरचना:
    • यह डाटा सेंटर ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों, नवीकरणीय ऊर्जा तथा पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन का उपयोग करेगा।
    • कनेक्टिविटी और अनुकूलता:
    • इसमें क्लाउड एकीकरण तथा आपदा पुनर्प्राप्ति के लिये 40 Gbps रिंग फाइबर नेटवर्क और दोहरे 10 Gbps कनेक्शन की सुविधा होगी।
    • इसमें वर्षा जल संचयन, परावर्तक छत तथा स्मार्ट शीतलन प्रणाली जैसी सुविधाएँ भी शामिल की जाएंगी।

उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति 2021

  • विज़न और मिशन
    • उत्तर प्रदेश को डाटा सेंटर उद्योग के लिये एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करना।
    • वैश्विक एवं घरेलू निवेश को आकर्षित करते हुए तथा MSME/स्टार्ट-अप्स को समर्थन प्रदान कर विश्व स्तरीय डाटा सेंटर पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करना।
  • लक्ष्य:
    • राज्य में 900 मेगावाट की डाटा सेंटर क्षमता विकसित करना।
    • लगभग 30,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करना।
    • कम-से-कम 8 निजी अत्याधुनिक डाटा सेंटर पार्क स्थापित करना।
  • नोडल एजेंसी:
    • उत्तर प्रदेश का IT एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग इस नीति के क्रियान्वयन हेतु नोडल एजेंसी नियुक्त करेगा।
  • परिभाषाएँ: 
    • डाटा सेंटर पार्क: इसकी न्यूनतम क्षमता 40 मेगावाट होनी चाहिये।
    • डाटा सेंटर यूनिट: इसकी क्षमता 2 मेगावाट से अधिक और 40 मेगावाट से कम होनी चाहिये; इसमें कैप्टिव डाटा सेंटर शामिल नहीं होंगे।
  • डाटा सेंटर पार्क हेतु प्रोत्साहन
    • डाटा सेंटर पार्कों को 7 वर्षों तक अधिकतम 60% ब्याज अनुदान मिलेगा, जिसकी वार्षिक अधिकतम सीमा 10 करोड़ रुपए तथा प्रत्येक पार्क हेतु कुल अधिकतम सीमा 50 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।
      • मध्यांचल और पश्चिमांचल में 25% तथा बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल में 50% की भूमि सब्सिडी उपलब्ध है, जिसकी अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत के 7.5% या 75 करोड़ रुपए (जो भी कम हो) तक निर्धारित है।
      • यह सब्सिडी केवल नीति के अंतर्गत अधिसूचित पहले 8 डाटा सेंटर पार्कों पर लागू होगी तथा यदि किसी पार्क में यह पहले से दावा की जा चुकी है, तो उस पार्क के भीतर डाटा सेंटर इकाइयों पर यह लागू नहीं होगी
    • स्टाम्प ड्यूटी में छूट: पहले लेनदेन पर 100% छूट तथा दूसरे लेनदेन पर 50% छूट प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त, दोहरी पावर ग्रिड आपूर्ति की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
  • डेटा सेंटर इकाइयों के लिये प्रोत्साहन:
    • डेटा सेंटर इकाइयाँ 20 करोड़ रुपए तक के निश्चित पूंजी निवेश (भूमि और भवन को छोड़कर) पर 7% पूंजी सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं, जिसे 10 वर्षों में 2 करोड़ रुपए प्रति वर्ष की अधिकतम सीमा के साथ वितरित किया जाएगा।
  • भूमि सब्सिडी के लिये भी ये इकाइयाँ पात्र हैं: मध्यांचल और पश्चिमांचल में 25% तथा बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल में 50% की दर से, जिसकी अधिकतम सीमा परियोजना लागत के 7.5% या 75 करोड़ रुपए (जो भी कम हो) तक होगी।

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