‘गंगाजल आपूर्ति योजना’ | 28 Nov 2022

चर्चा में क्यों?

27 नवंबर, 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में महत्त्वाकांक्षी ‘गंगाजल आपूर्ति योजना’ का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • दूरगामी अभियान ‘जल-जीवन-हरियाली’के तहत गंगा नदी के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों तक ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करने की यह मुख्यमंत्री की अनूठी परिकल्पना है। उनकी अध्यक्षता में दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में अतिमहत्त्वाकांक्षी ‘गंगा जल आपूर्ति योजना’को मंज़ूरी दी गई थी।
  • मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जल संसाधन विभाग ने तत्परता से काम करते हुए इतनी बड़ी योजना को कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद तीन साल से कम समय में पूरा कराया है।
  • गंगा जल को 11 शक्तीशाली पंप के ज़रिये हाथीदह से राजगीर, गया, बोधगया और नवादा पहुँचाया गया है। राजगीर में इसके लिये डिटेंशन सेंटर बनाया गया है।
  • गंगा जल पाइपलाइन के ज़रिये 151 किमी. सफर तय करके राजगीर, गया और बोधगया के जलाशयों में पहुँचा है, जहाँ से यह शोधित होकर शुद्ध पेयजल के रूप में रोज लाखों लोगों की प्यास बुझाएगा।
  • इस योजना के तहत राजगीर शहर के 19 वार्डों के करीब 8031 घरों, गया शहर के 53 वार्डों के करीब 75000 घरों और बोधगया शहर के 19 वार्डों के करीब 6000 घरों में शुद्ध पेयजल के रूप में गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी। योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध जल की आपूर्ति का लक्ष्य है।
  • इसके अलावा शहर के संस्थानों, अस्पतालों, होटलों आदि को भी जल की आपूर्ति की जाएगी, ताकि इन शहरों में बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के लिये भी शुद्ध जल की आपूर्ति हो सके। राजगीर जू सफारी में रखे गए जीव-जंतुओं तथा नेचर सफारी की वनस्पतियों को भी गंगा जल की आपूर्ति होगी।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जरासंध के अखाड़े के पास जरासंध स्मारक बनवाया जाएगा। इससे पर्यटकों का ज्ञानवर्धन होगा।