हरियाणा का पहला मशरूम सर्वेक्षण | 27 Sep 2021

चर्चा में क्यों?

26 सितंबर, 2021 को हरियाणा वन विभाग ने बताया कि कवक, वनस्पति और जीवों की समृद्ध विविधता का पता लगाने तथा इसे संरक्षित करने के लिये हरियाणा का पहला मशरूम सर्वेक्षण, 30 सितंबर, 2021 को यमुनानगर ज़िले के कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य में आयोजित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • वन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सर्वेक्षण प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), हरियाणा और प्रसिद्ध माइकोलॉजिस्ट डॉ. एन.एस.के. हर्ष के मार्गदर्शन में किया जाएगा, जिसमें कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य की कवक एवं मशरूम विविधता का आकलन किया जाएगा।
  • इस सर्वेक्षण के परिणाम कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य के कवक, वनस्पतियों एवं जीवों के संरक्षण के लिये एक प्रभावी प्रबंधन रणनीति तैयार करने में मदद करेंगे तथा क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर आवास की गड़बड़ी और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के अवलोकन का आधार भी बनेंगे।
  • इस सर्वेक्षण का फोकस मशरूम पर होगा। हालाँकि तितलियों, मकड़ियों, उभयचर, मछली, सरीसृप, पक्षियों और स्तनधारी विविधता तथा उनके संरक्षण से संबंधित विभिन्न पहलुओं के लिये भी सर्वेक्षण किया जाएगा।
  • प्रवक्ता ने कहा कि पेड़, झाड़ियाँ और जड़ी-बूटियाँ बिना फफूंद के भूमि पर नहीं रह सकतीं। वे कई कीड़ों और अन्य जीवों की खाद्य श्रृंखला का एक अभिन्न अंग हैं। कवक और मशरूम एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का एक अविभाज्य अंग हैं। कई कवक प्रजातियाँ (मशरूम) खाने योग्य हैं और इसके अलावा मशरूम विटामिन डी का एकमात्र शाकाहारी स्रोत है।
  • इस एकदिवसीय सर्वेक्षण में वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून से पंद्रह वैज्ञानिक (कवक, कीड़े, मिट्टी, जलवायु परिवर्तन, वनस्पति विज्ञान, पादप शरीर क्रिया विज्ञान आदि क्षेत्रों में विशेषज्ञ), भारत के वन्यजीव संस्थान, देहरादून के दस वैज्ञानिक (भृंग, तितलियों, मधुमक्खियों, परागणकों, जुगनू, भौंरा, मधुमक्खियों, स्तनधारियों, पक्षियों और सरीसृप जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ), यमुनानगर के विभिन्न कॉलेजों के प्रोफेसर और जीव विज्ञान के छात्र, गैर-सरकारी संगठन, पक्षी प्रेमी और हरियाणा वन विभाग के अधिकारी भाग लेंगे। 
  • उल्लेखनीय है कि कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य एक अच्छी तरह से संरक्षित एवं प्रबंधित क्षेत्र है तथा विभिन्न जीवन रूपों की समृद्ध विविधता को आश्रय देता है।