उत्तर प्रदेश में गन्ने से इथेनॉल उत्पादन | 28 Sep 2021

चर्चा में क्यों?

27 सितंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा ने प्रेस वार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले गन्ना पेराई सत्र से सीधे गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन शुरू करेगा। पेट्रोल के साथ सम्मिश्रण के लिये उपयोग किये जाने वाले इथेनॉल का उत्पादन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पिपराइच चीनी मिल गोरखपुर और बलरामपुर चीनी मिल में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में गन्ने से सीधे इथेनॉल बनाने का फैसला किया था और पिपराइच चीनी मिल में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था।
  • उत्तर प्रदेश भारत में इथेनॉल का शीर्ष उत्पादक है। यहाँ इथेनॉल का उत्पादन करने वाली 53 डिस्टिलरी हैं और वार्षिक स्थापित क्षमता 158.44 करोड़ लीटर है।
  • वित्तीय वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश ने 42.70 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन किया, जो 2020-21 में बढ़कर 99.31 करोड़ लीटर हो गया। उत्तर प्रदेश में 72 डिस्टिलरी हैं, जिनमें 25 स्टैंडअलोन और 47 चीनी मिलों से जुड़ी हैं।
  • उन्होंने कहा कि अगले पेराई सत्र 2021-22 के लिये गन्ने के राज्य सलाहकार मूल्य में वृद्धि से किसानों को 4,000 करोड़ रुपए से अधिक का अतिरिक्त लाभ होगा।
  • मंत्री राणा ने कहा कि 33,014 करोड़ रुपए की मांग के खिलाफ, चीनी मिलों ने अब तक 2020-21 सीजन के लिये किसानों को 28,015 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। 2017 से 2021 तक, इस साल 21 सितंबर तक किसानों को 1.44 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
  • उन्होंने आगे कहा कि 2016-17 तक गन्ने की तीन किस्मों की खेती की जाती थी, जहाँ अधिक उपज देने वाली शुरुआती किस्म का हिस्सा केवल 52 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 98 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश में गन्ना उत्पादकता 2016-17 में 66 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर थी, जो 2020-21 में 81.05 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गई।
  • उद्योग मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान, चीनी मिलों का संचालन बाधित नहीं हुआ और गन्ना, चीनी उत्पादन तथा इथेनॉल के उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर रहा।