ई-ट्रैक्टर | 18 Oct 2021

चर्चा में क्यों?

17 अक्तूबर, 2021 को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर पर अनुसंधान करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय बन गया है।

प्रमुख बिंदु

  • विश्वविद्यालय के कृषि इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कॉलेज ने इस ई-ट्रैक्टर को तैयार किया है। यह अनुसंधान उपलब्धि कृषि मशीनरी और फार्म इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक एवं वर्तमान निदेशक, उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, हिसार डॉ. मुकेश जैन के मार्गदर्शन में प्राप्त की गई है।
  • विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कांबोज ने बताया कि यह ई-ट्रैक्टर 23.17 किमी. प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चल सकता है, व 1.5 टन वजन के ट्रेलर के साथ 80 किमी. तक का सफर कर सकता है। इस ट्रैक्टर के प्रयोग से किसानों की आमदनी में भी इज़ाफा होगा। 
  • कुलपति ने बताया कि ई-ट्रैक्टर में 16.2 किलोवाट की लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया गया है। इस बैटरी को 09 घंटे में फुल चार्ज किया जा सकता है। इस दौरान 19 से 20 यूनिट बिजली की खपत होती है। 
  • इसमें फास्ट चार्ज़िग का भी विकल्प उपलब्ध है, जिसकी मदद से ट्रैक्टर की बैटरी महज 4 घंटे में चार्ज कर सकते हैं। ट्रैक्टर में बहुत अच्छा 77 प्रतिशत का ड्राबार पुल है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के संचालन की लागत के हिसाब से यह डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले में 32 प्रतिशत और 25.72 प्रतिशत तक सस्ता है। 
  • इस ट्रैक्टर में 52 प्रतिशत कंपन और 20.52 प्रतिशत शोर बीआईएस कोड की अधिकतम अनुमेय सीमा से कम पाया गया। 
  • ट्रैक्टर में ऑपरेटर के पास इंजन न होने के कारण तपिश भी पैदा नहीं होती, जो ऑपरेटर के लिये बिल्कुल आरामदायक साबित होगा।