डंकी रूट और मनी लॉन्ड्रिंग | 11 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध प्रवासियों से जुड़े "डंकी रूट" मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत पंजाब और हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर छापा मारा।
प्रमुख बिंदु
- डंकी रूट:
- "डंकी" या "डंकी रूट" दशकों से अस्तित्व में है, जिसे खतरनाक और अवैध प्रवास मार्गों के रूप में जाना जाता है।
- यह उन लंबी, घुमावदार और अक्सर जानलेवा यात्राओं को दर्शाता है जिन्हें लोग उस देश तक पहुँचने के लिये अपनाते हैं जहाँ वे प्रवास करना चाहते हैं, विशेष रूप से तब, जब उनके पास आवश्यक कानूनी अनुमति या वित्तीय संसाधन नहीं होते।
- अमेरिका में भारतीयों की अवैध प्रवास में वृद्धि:
- प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या वर्ष 2018–2019 में 8,027 से बढ़कर वर्ष 2022–2023 में 7.25 लाख हो गई है।
- भारत, लैटिन अमेरिका के बाहर से अमेरिका में प्रवास भेजने वाला एकमात्र शीर्ष पाँच देश है।
- वर्ष 2011 से अमेरिका में गैर-दस्तावेज़ी भारतीयों की आबादी में 70% की वृद्धि हुई है।
- अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा डेटा से पता चलता है कि सबसे तेज वृद्धि वर्ष 2020 और 2023 के बीच हुई।
- प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या वर्ष 2018–2019 में 8,027 से बढ़कर वर्ष 2022–2023 में 7.25 लाख हो गई है।
- मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन):
- परिचय:
- मनी लॉन्ड्रिंग एक जटिल प्रक्रिया है जिसका उपयोग व्यक्ति या संगठन अवैध रूप से प्राप्त धन के स्रोत को छिपाने के लिये करते हैं। इसमें कई लेन-देन के माध्यम से काले धन को वैध दिखाने की कोशिश की जाती है।
- परिचय:
- मनी लॉन्ड्रिंग के तरीके:
- स्ट्रक्चरिंग (स्मर्फिंग): बड़ी राशि को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़कर कम संदेहास्पद मात्रा में बैंक खातों में जमा करना।
- व्यापार-आधारित लॉन्ड्रिंग: व्यापारिक लेन-देन का उपयोग कर सीमाओं के पार धन का स्थानांतरण करना और अवैध धन के स्रोत को छिपाना।
- शेल कंपनियाँ: ऐसी कंपनियाँ बनाना जिनका कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं होता, लेकिन जिनके माध्यम से अवैध धन को वैध दिखने वाले लेन-देन के जरिये प्रवाहित किया जाता है।
- रियल एस्टेट: अवैध धन से अचल संपत्ति खरीदना और फिर उसे बेचकर उस धन को वैध परिसंपत्तियों में परिवर्तित करना।
- धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002:
- मुख्य प्रावधान:
- मनी लॉन्ड्रिंग को परिभाषित करता है, जिसमें अपराध से प्राप्त धन को छिपाना, उसका स्वामित्व रखना, अधिग्रहण करना या उपयोग करना और उसे वैध संपत्ति के रूप में प्रस्तुत करना शामिल है।
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जाँच करने, छापामारी और अपराध से अर्जित संपत्ति को ज़ब्त करने का अधिकार प्रदान करता है।
- वित्तीय संस्थाओं को वित्तीय खुफिया इकाई – भारत (FIU-IND) को संदिग्ध लेन-देन की रिपोर्ट जाँच के लिये अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होता है।
- विशेष अदालतों की स्थापना करता है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग मामलों का शीघ्र निपटारा हो सके और कानूनी दंड सुनिश्चित किया जा सके।
- इसकी अनुसूची (Schedule of Offenses) में आर्थिक अपराध, भ्रष्टाचार, नशीली दवाओं की तस्करी और आतंकवाद जैसे व्यापक पूर्ववर्ती अपराधों (predicate offenses) को शामिल किया गया है।
- प्रभावशीलता:
- मजबूत प्रतिरोधक प्रभाव: PMLA कड़ी जाँच, अभियोजन और संपत्ति ज़ब्ती के माध्यम से आर्थिक अपराधों और धोखाधड़ी को रोकता है।
- बेहतर अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भारत Interpol और FATF (Financial Action Task Force) के साथ मिलकर अवैध धन के प्रवाह पर निगरानी रखता है।
- बेहतर वित्तीय निगरानी: बैंकों और वित्तीय संस्थानों को KYC मानकों को अपनाना अनिवार्य किया गया है, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के जोखिम में कमी आती है।
- मुख्य प्रावधान: