जैसलमेर में जीवाश्मों की खोज | 23 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के जैसलमेर ज़िले के फतेहपुर में एक तालाब की खुदाई कर रहे श्रमिकों को संभवतः 180 मिलियन वर्ष पूर्व जुरासिक काल के एक पंख वाले सरीसृप के जीवाश्म मिले हैं, जो पश्चिमी भारत के जीवाश्म परिदृश्य को पुनः परिभाषित कर सकते हैं।
मुख्य बिंदु
- जीवाश्म के बारे में:
- ग्रामीणों ने एक “विशाल अस्थि-सदृश संरचना” तथा लकड़ी के समान कठोरता वाले पत्थर के जीवाश्म खोजे हैं।
- भूवैज्ञानिकों के अनुसार यह जीव लगभग 8 से 10 फीट लंबा रहा होगा, जबकि प्राप्त संरचना की लंबाई 6 से 7 फीट है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि ये अवशेष कशेरुकी जीवों (vertebrates) के जीवाश्म हो सकते हैं, सम्भवतः किसी उड़ने वाले शाकाहारी डायनासोर के।
- महत्त्व:
- ये जीवाश्म संभवतः जैसलमेर के लाठी संरचना (Lathi Formation) में खोजे गए पहले उड़ने वाले सरीसृप का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- लाठी संरचना अपने प्रचुर जीवाश्म भंडार के लिये प्रसिद्ध है, जो जुरासिक काल (लगभग 180 से 200 मिलियन वर्ष पूर्व) के दौरान जीवन के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।
- यह खोज इस क्षेत्र के जीवाश्म मानचित्र में एक नया आयाम जोड़ेगी और अकाल व थायत क्षेत्र में मिले पूर्ववर्ती जीवाश्मों को भी संपूरित करेगी, जिन्हें डायनासोर युग से संबद्ध माना जाता है।
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की टीमें जीवाश्मों की सटीक आयु तथा प्रजाति का पता लगाने के लिये उनकी विस्तृत जाँच करेंगी।