BIT मेसरा में शुरू होगी ‘साइबर सिक्योरिटी इनिशिएटिव’ | 16 Mar 2023

चर्चा में क्यों?

15 मार्च, 2023 को झारखंड के राँची के बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) मेसरा के रजिस्ट्रार डॉ. संदीप दत्ता ने लालपुर एक्सटेंशन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इंटरनेट और मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल से साइबर क्राइम से निजात पाने के उद्देश्य से बीआईटी मेसरा में ‘साइबर सिक्योरिटी इनिशिएटिव’की शुरुआत की जाएगी। आईआईटी कानुपर का सीथ्रीआई हब इसमें सहयोग करेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि मोबाइल खोने या चोरी होने पर लोगों के डाटा नष्ट हो जाते हैं. खोये डाटा को वापस कैसे लाया जाए, इस पर शोध की ज़रूरत है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिये बीआईटी मेसरा में ‘साइबर सिक्योरिटी इनिशिएटिव’की शुरुआत की जाएगी।
  • आईआईटी कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के सह प्रोजेक्ट डायरेक्टर सीथ्रीआई हब पद्मश्री डॉ. मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस करार के तहत संस्थान में साइबर सिक्योरिटी ऑडिट के बाद साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी तैयार की जाएगी, ताकि आने वाले समय में डाटा सिक्योरिटी, डाटा रिकवरी, डाटा मॉनिटरिंग के साथ साइबर सिक्योरिटी को मज़बूत किया जा सके।
  • बीआईटी मेसरा के रजिस्ट्रार डॉ. संदीप दत्ता ने बताया कि इस पहल में भारत सरकार के साइबर सेल एडवाइजर सह सुत्रा मॉडल के जनक पद्मश्री डॉ. मनिंद्र अग्रवाल सहयोग करेंगे। आईआईटी कानपुर के सीथ्रीआई हब के साथ करार किया जाएगा।
  • डॉ. मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस करार के तहत संस्थान में साइबर सिक्योरिटी ऑडिट के बाद साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी के अंतर्गत संस्था के सभी कंप्यूटर और राउटर की लगातार मॉनिटरिंग हो, इसके लिये इन्वेंट्री तैयार की जाएगी।
  • इसके अलावा संस्था के इंजीनियर्स का साइबर हमले से कैसे बचाव किया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिये ‘हनी पॉट’जैसी आधुनिक तकनीक विकसित की जाएगी।
  • ‘हनी पॉट’ के तहत साइबर हमले के मूल सोर्स को फेक सर्वर में उलझाने की पहल की जाएगी। साथ ही साइबर सुरक्षा को लेकर विद्यार्थियों और प्राध्यापकों के बीच लगातार जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे।
  • डॉ. मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि देश में टेक्निकल इनोवेशन हब के तहत 25 संस्थानों को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ दी गई हैं। सीथ्रीआई हब इसमें साइबर सिक्योरिटी को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। इसके लिये बीआइटी के इंजीनियर्स के साथ सीथ्रीआई हब से जुड़े तीन स्टार्टअप टीम मिलकर काम करेगी।
  • विदित है कि बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) राँची की स्थापना 1955 में इंडस्ट्रियलिस्ट बी. एम. बिड़ला ने की थी। झारखंड की राजधानी राँची से 16 किलोमीटर दूर 780 एकड़ में फैले बीआईटी मेसरा को यूजीसी से डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त है। इस इंस्टीट्यूट को NAAC (नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रडिटेशन काउंसिल) और NBA (नेशनल बोर्ड ऑफ एसोसिएशन) से मान्यता मिली हुई है। इस इंस्टीट्यूट का मुख्य कैंपस मेसरा में है जबकि इलाहाबाद, जयपुर, कोलकाता, नोएडा, पटना, देवघर, लालपुर, मस्कट (ओमान) और दुबई में भी इसके कैंपस हैं।