साइबर सिटी गुरुग्राम की अब होगी अपनी मेट्रो ट्रेन | 19 Nov 2022

चर्चा में क्यों?

18 नवंबर, 2022 को चंडीगढ़ में हुई हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएमआरटीसी) के निदेशक मंडल की 50वीं बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि राज्य की साइबर सिटी गुरुग्राम की अब अपनी मेट्रो ट्रेन होगी।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्य सचिव ने बताया कि मेट्रो ट्रेन के लिये केंद्र सरकार के सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) ने गुरुग्राम में हुडा सिटी सेंटर से साइबर सिटी के बीच 28.5 किलोमीटर लंबी मेट्रो कनेक्टिविटी को मंज़ूरी दे दी है। यह पूरे गुरुग्राम शहर को कवर करेगी।
  • मुख्य सचिव ने बताया कि यह मेट्रो रेल विशेषरूप से गुरुग्राम और इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को कुशल तथा पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली प्रदान करेगी। इससे गुरुग्राम और आसपास के छात्रों, महिलाओं, कामकाजी वर्ग एवं कार्यालय जाने वाले व्यक्तियों को काफी मदद मिलेगी।
  • उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में रेजांगला चौक से सेक्टर-21 द्वारका तक कनेक्टिविटी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पहले ही अनुमोदित किया जा चुका है और उसके बाद भारत सरकार को भी मंज़ूरी के लिये भेजा जा रहा है।
  • यह मेट्रो रेल गुरुग्राम से दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे तक निर्बाध कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगी।
  • गौरतलब है कि राजस्व की दिशा में गुरुग्राम मेट्रो ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। पिछले साल की 84 करोड़ रुपए आय की तुलना में अक्टूबर 2022 तक 21.6 करोड़ रुपए की आय हो चुकी है। वित्तीय प्रदर्शन में 230 प्रतिशत की बढ़ी हुई प्रतिशतता के साथ यात्रियों की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ वाणिज्यिक गतिविधियों के माध्यम से किराया और गैर-किराया राजस्व से भी आय में वृद्धि हुई है।
  • उन्होंने बताया कि इस मेट्रो रेल में सवारियों की संख्या 8500 प्रतिदिन से बढ़कर 40,000 प्रतिदिन हो गई है। इन प्रयासों से पहली बार रैपिड रेल मेट्रो गुरुग्राम, जो घाटे में चल रही संस्था थी, ‘ऑपरेशनल प्रॉफिट’में आने वाली है।
  • गुरुग्राम एचएमआरटीसी द्वारा अपने मेट्रो स्टेशन क्षेत्रों में नीचे चार्जिंग और पार्किंग की सुविधा देने की भी कवायद की जा रही है जो अंतिम मील तक कनेक्टिविटी में मदद करेगी। जनता की सुविधा और यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिये मेट्रो स्टेशनों से अंतिम मील तक कनेक्टिविटी प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं।