राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में लागू होगा कामन कैडर | 12 Dec 2022

चर्चा में क्यों?

11 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार ने एमबीबीएस बॉन्ड पॉलिसी के बाद अब राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में कामन कैडर लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिये पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य में मेडिकल कॉलेजों में कामन कैडर का प्रस्ताव विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पास होने के बाद इसे नए शिक्षा सत्र से सभी मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल यूनिवर्सिटी में लागू किया जा सकेगा। कामन कैडर लागू होने के बाद किसी भी मेडिकल कॉलेज के नियमित कर्मचारी को दूसरे मेडिकल कॉलेजों में भेजा ‍‍‍जा सकेगा।
  • जानकारी के अनुसार राज्य सरकार का प्रयास है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग में भी एक समान सेवा नियम हों।
  • वर्तमान में राज्य के स्वास्थ्य विश्वविद्यालय रोहतक और अन्य मेडिकल कॉलेजों के अलग-अलग नियम हैं। यहाँ पर कॉलेज ही अपने स्तर पर भर्तियाँ करते रहे हैं। करीब छह माह पहले सरकार ने भर्तियों को अपने हाथ में लिया है और मुख्यालय ही सभी मेडिकल कॉलेजों के लिये भर्तियाँ निकाल रहा है। 
  • वर्तमान में राज्य में दिक्कत ये है कि एक मेडिकल कॉलेज में तैनात टीचर्स, डॉक्टर और अन्य स्टाफ को दूसरे में तबादला नहीं किया जा सकता। इससे सरकार को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिये सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों के लिये एक जैसे नियम और सेवा शर्तें बनाने जा रही है। पूरा ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और सभी मेडिकल कॉलेजों के निदेशक भी इस पर सहमति जता चुके हैं।
  • उल्लेखनीय है कि एक साल पहले भी राज्य सरकार ने कामन कैडर को लागू करने की कोशिश की थी। लेकिन पीजीआई की टीचर्स एसोसिएशन और अन्य कर्मचारियों के विरोध के चलते इसे लंबित छोड़ दिया गया था।
  • दरअसल, नियमित डॉक्टर और कर्मचारी इस पॉलिसी का विरोध इसलिये कर रहे हैं, क्योंकि उनका तर्क है कि जब उनकी नियुक्ति हुई थी तो उन्हें संबंधित मेडिकल कॉलेज ही स्टेशन बताया गया था। अब कई कई साल से सेवा देने के चलते उन्हीं शहरों में कर्मचारियों और डॉक्टरों ने अपने मकान आदि बना लिये हैं। दूसरा तर्क ये है कि अगर सभी का एक समान कैडर बना तो इससे काफी संख्या में कर्मचारियों की सीनियरिटी प्रभावित होगी।
  • हरियाणा सरकार की मंशा है कि राज्य के हर ज़िले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाए। नौ ज़िलों में मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। अगले सत्र से जींद, भिवानी और नारनौल में मेडिकल कॉलेज शुरू करना है। यहाँ पर नए स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया लंबी है। इसलिये राज्य सरकार चाहती है कि पहले से ही मेडिकल कॉलेज और पीजीआई में तैनात स्टाफ डॉक्टरों व कर्मचारियों को इन कॉलेजों में तबादला करके भेजा जाए।