धूमकेतु लियोनार्ड | 28 Mar 2022

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बेहद चमकीला धूमकेतु (सी 2021 ए 1)) टूटकर बिखर गया। इसके टुकड़ों में विभाजित अवशेषों को दक्षिणी गोलार्द्ध के आसमान में देखा गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज), नैनीताल के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डॉ. शशिभूषण पांडेय ने बताया कि इस धूमकेतु की खोज 3 जनवरी, 2021 को जीजे लियोनार्ड ने की थी, जिस कारण इसे कामेट लियोनार्ड के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह धूमकेतु 12 दिसंबर, 2021 को पृथ्वी के करीब से गुजरा था, जिसकी फोटो नैनीताल के एस्ट्रोफोटोग्राफर राजीव दुबे ने ली थी।
  • यह 3 जनवरी, 2022 को सूरज के नजदीक पहुँचा था। सूरज के नजदीक पहुँचने पर वह दिशा भटक चुका था और टूटकर बिखरने लगा था
  • यह धूमकेतु बेहद चमकीला था, जिसे नग्न आँखों से भी देखा गया। पृथ्वी के नजदीक आने पर दुनिया के कई हिस्सों से खगोलप्रेमियों ने इसे कैमरे में कैद किया था।