मुख्यमंत्री ने किया छत्तीसगढ़ी पत्रिका ‘अरई तुतारी’और गीत संग्रह ‘चंदन अस मोर गाँव के माटी’का विमोचन | 29 Nov 2022

चर्चा में क्यों?

28 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ी मासिक पत्रिका ‘अरई तुतारी’और छत्तीसगढ़ी गीत संग्रह ‘चंदन अस मोर गाँव के माटी’ का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • मासिक पत्रिका ‘अरई तुतारी’की संपादकीय टीम के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बताया कि ‘अरई तुतारी’छत्तीसगढ़ी भाषा की पहली मासिक पत्रिका है। इसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति के विविध आयामों जैसे यहाँ के पर्व, लोकनृत्य, पर्यटन स्थल, सिनेमा, साहित्य आदि से जुड़े आलेखों का संग्रह छत्तीसगढ़ी भाषा में किया गया है।
  • छत्तीसगढ़ी गीत संग्रह ‘चंदन अस मोर गाँव के माटी’के गीतकार चंपेश्वर गोस्वामी ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस संग्रह के माध्यम से उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखे अपने 72 गीतों को किताब की शक्ल दी है।
  • इसके अलावा मुख्यमंत्री ने संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के 13 साहित्यकारों को छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति उनकी सेवा को देखते हुए सम्मानित किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी भाषा के 10 साहित्यकारों की रचनाओं का विमोचन भी किया।
  • मुख्यमंत्री ने जागेश्वर प्रसाद, रामेश्वर शर्मा, दुर्गा प्रसाद पारकर, रामनाथ साहू (सभी रायपुर), डा. जेआर सोनी (दुर्ग), पीसी लाल यादव (सक्ती), सोरिन चन्द्रसेन (महासमुंद), परमानंद वर्मा (खैरागढ़), बुधराम यादव (बिलासपुर), रंजीत सारथी (सरगुजा), डा. शैल चंद्रा एवं डुमन लाल (धमतरी) और रुद्र नारायण पाणिग्राही (जगदलपुर) को छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति उनके विशेष योगदान के लिये सम्मानित किया।
  • मुख्यमंत्री ने महेत्तरू मधुकर की रचना ‘गुरतुर भाखा’, डॉ. सुरेश कुमार शर्मा की ‘वाल्मिकी रामायण’, सुखदेव सिंह अहिलेश्वर की ‘बंगस्य छंद अंजोर’, तेजपाल सोनी की ‘मद भगवत गीता’, सुमन लाल ध्रुव की ‘गाँव ल सिरजाबो’, राजेंद्र प्रसाद सिन्हा की ‘अमरईया हे मनभावन’, कमलेश प्रसाद शरमा बाबू की ‘कुटिस बंदरा जझरग-जझरग’, डॉ. शिल्पी शुक्ला की छत्तीसगढ़ महिला लेखन और उर्मिला शुक्ल की रचनाएँ तथा पी.सी. लाल यादव की कृतियों का विमोचन किया।