छत्तीसगढ़ को राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू के हाथों मिला भूमि सम्मान | 19 Jul 2023

चर्चा में क्यों?

18 जुलाई, 2023 को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को भूमि सम्मान से नवाज़ा गया। इसके साथ ही प्रदेश के दो ज़िलों सरगुजा और बेमेतरा को भी भूमि प्रबंधन और प्रशासन के लिये भूमि सम्मान प्लेटिनम सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया।  

प्रमुख बिंदु  

  • डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) के मौजूदा चार घटकों के बेहतर क्रियान्वयन के लिये प्रदेश और दो ज़िलों को यह सम्मान मिला है। 
  • समारोह में राज्य स्तर पर भू-अभिलेखों के डिजिटाइजेशन और प्रबंधन के लिये सचिव राजस्व विभाग नीलम नामदेव एक्का, महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक किरण कौशल, संचालक भू-अभिलेख रमेश शर्मा ने राष्ट्रपति के हाथों भूमि सम्मान प्राप्त किया।  
  • इसी प्रकार ज़िला स्तर पर भू-अभिलेखों के डिजिटाइजेशन और प्रबंधन के लिये बेमेतरा कलेक्टर पीएस एल्मा और सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार को भी भूमि सम्मान प्लेटिनम सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
  • गौरतलब है कि डीआईएलआरएमपी के अंतर्गत प्रदेश में भूमि प्रबंधन से जुड़े 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसी तरह भूमि प्रबंधन से जुड़े चार घटकों लैंड रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन, पंजीयन कार्यालय का तहसील कार्यालय से समन्वय, मॉर्डन रिकॉर्ड रूम तथा सर्वे-रिसर्वे का कार्य प्रदेश के सरगुजा और बेमेतरा ज़िले में शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुका हैं। ये ज़िले भूमि प्रबंधन में देश के शीर्ष ज़िलों में शामिल हैं।
  • भूमि संबंधी सभी रिकॉर्ड्स के डिजिटाइजेशन से लोगों को अपनी ज़मीन से जुड़ी जानकारियाँ रियल-टाइम पर उपलब्ध हो रही हैं। इस जानकारी को मोबाइल से कहीं से भी और किसी भी वक्त इंटरनेट के माध्यम से देखा जा सकता है। भूमि संबंधी रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन और इसके प्रबंधन से भूमि संबंधी जानकारी अब लोगों की आसान पहुँच में है। लोगों को भूमि संबंधी अभिलेख प्राप्त करने के लिये शासकीय कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं।  
  • लोगों को आसानी से सभी अभिलेख मिलने से ज़मीन से जुड़े धोखा-धड़ी के मामले में भी कमी आई है। भूमि संबंधी न्यायालयों में मुकदमे भी कम हुए हैं। भू-अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण से ऐसे प्रमाण-पत्र, जिनमें भू-अभिलेखों की जानकारी की आवश्यकता होती है, उन प्रमाण पत्रों के लिये आसानी से दस्तावेज़ उपलब्ध हुए हैं। इससे लोगों को आसानी से आय, जाति, निवास प्रमाण-पत्र मिल रहा है। इस पूरी व्यवस्था का उद्देश्य नागरिक को राईट ऑफ रिकॉर्ड (रिकॉर्ड का अधिकार) भी सुनिश्चित करना है।