राजस्थान में कारीगरों को प्रोत्साहन | 22 Apr 2024

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार एक 'एकीकृत क्लस्टर विकास योजना' लागू करने की योजना बना रही है, जो हस्तशिल्प, हथकरघा और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्रों की उत्पादकता तथा गुणवत्ता को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

  • इसके लिये एक प्रारूप पहले ही तैयार किया जा चुका था और हितधारकों से सुझाव मांगे जा रहे थे।

मुख्य बिंदु:

  • MSME को समर्थन देने के लिये केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों जैसे MSME, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना एवं प्रौद्योगिकी और वाणिज्य एवं उद्योग द्वारा क्लस्टर विकास योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
  • प्रारूप नीति के अनुसार, योजना के चार मुख्य घटक हैं:
    • मुख्य घटक में क्षमता निर्माण के लिये मध्यम हस्तक्षेप, संसाधनों की आसान उपलब्धता के लिये कच्चे माल बैंक के संचालन के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों के माध्यम से बाज़ार विकास हेतु कारीगरों, शिल्पकारों व बुनकरों को समर्थन शामिल है।
    • दूसरा, 5 करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं के लिये राज्य सरकार की सहायता से सामान्य सुविधा केंद्र (Common Facility Centres- CFC) स्थापित करने हेतु MSME समूहों को समर्थन देना है।
    • एक अन्य घटक के तहत गैर-राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और निवेश निगम (Rajasthan State Industrial Development and Investment Corporation- RIICO) औद्योगिक क्षेत्रों में मौजूदा समूहों तथा गैर-RIICO औद्योगिक क्षेत्रों में ग्रीनफील्ड समूहों के लिये बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान दिया जाता है।
  • प्रारूप नीति में कहा गया है कि कारीगरों, शिल्पकारों और बुनकरों से संबंधित क्लस्टर विकास परियोजना के कार्यान्वयन के लिये एक साझेदारी फर्म और/या एक ट्रस्ट या सोसायटी या सहकारी समिति या कंपनी या निर्माता कंपनी आदि जिसमें कम-से-कम दस कारीगर, शिल्पकार और/या बुनकर हों, जिनके पास पंजीकृत कारीगर आईडी कार्ड हो, के रूप में एक विशेष प्रयोजन वाहन (Special Purpose Vehicle- SPV) का गठन किया जाएगा। राजस्थान में अपना व्यापार करने वाले कारीगर, शिल्पकार और बुनकर SPV का हिस्सा बनने के पात्र होंगे।

राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (RIICO)

  • यह राजस्थान सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है जिसने राजस्थान के औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसका गठन वर्ष 1980 में किया गया था।
  • 28 मार्च 1969 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत राजस्थान राज्य औद्योगिक और खनिज विकास निगम (RSIMDC) के रूप में स्थापित एक सरकारी उद्यम को 1 जनवरी 1980 को दो संस्थाओं में विभाजित किया गया था:
    • राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड  (Rajasthan State Industrial Development & Investment Corporation Limited- RIICO
    • राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम (Rajasthan State Mineral Development Corporation- RSMDC