मध्य प्रदेश में ब्लैकबक का अवैध शिकार | 24 Jun 2025

चर्चा में क्यों?

मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़िले में शिकारियों के एक समूह द्वारा जानवरों के एक झुंड पर गोली चलाने के बाद एक कृष्णमृग (ब्लैकबक) की मृत्यु हो गई।

नोट: वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, 2008 से 2018 के बीच 13 राज्यों में 139 लुप्तप्राय काले हिरण मारे गए। 

  • इन हत्याओं की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश में दर्ज की गई, उसके बाद कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का स्थान है।

मुख्य बिंदु

  • ब्लैकबक के बारे में:

  • ब्लैकबक (Antilope cervicapra) कृष्णमृग या भारतीय मृग, भारत और नेपाल में पाई जाने वाली मृग प्रजाति है।
    • ये राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और अन्य क्षेत्रों में (संपूर्ण प्रायद्वीपीय भारत में) व्यापक रूप से पाए जाते हैं।
    • इसे घास के मैदान का प्रतीक माना जाता है।
    • इसे चीते के बाद दुनिया का दूसरा सबसे तेज़ दौड़ने वाला जानवर माना जाता है।
    • यह एक दैनंदिनी मृग (Diurnal Antelope) है अर्थात् यह मुख्य रूप से दिन के समय ज़्यादातर सक्रिय रहता है।
    • यह आंध्र प्रदेश, हरियाणा और पंजाब का राज्य पशु है।
  • सांस्कृतिक महत्व:
    • यह हिंदू धर्म के लिये पवित्रता का प्रतीक है क्योंकि इसकी त्वचा और सींग को पवित्र अंग माना जाता है। बौद्ध धर्म के लिये यह सौभाग्य (Good Luck) का प्रतीक है।
  • संरक्षण स्थिति:
  • खतरे:
    • इनके संभावित खतरों में प्राकृतिक आवास का विखंडन, वनों का उन्मूलन, प्राकृतिक आपदाएँ, अवैध शिकार आदि शामिल हैं।
  • संबंधित संरक्षित क्षेत्र:
    • वेलावदर (Velavadar) कृष्णमृग अभयारण्य- गुजरात
    • प्वाइंट कैलिमेर (Point Calimer) वन्यजीव अभयारण्य- तमिलनाडु
    • वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने प्रयागराज के समीप यमुना-पार क्षेत्र (Trans-Yamuna Belt) में कृष्णमृग संरक्षण रिज़र्व स्थापित करने की योजना को मंज़ूरी दी। यह कृष्णमृग को समर्पित पहला संरक्षण रिज़र्व होगा।