उत्तर प्रदेश की छह जातियों को एसटी में शामिल करने का विधेयक पेश | 29 Mar 2022

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश की छह जातियों- गोंड, धुनिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोड़ को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिलाने हेतु विधेयक लोकसभा में पेश किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति की सूची में संशोधन से संबंधित तीन विधेयक संसद में विचाराधीन हैं।
  • अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक, 2022 में उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर, कुशीनगर, चंदौली, संत रविदास नगर में रहने वाली गोंड जाति को अनुसूचित जाति (एससी) की सूची से बाहर कर अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने का प्रावधान है।
  • इसके अलावा संत कबीर नगर, कुशीनगर, चंदौली और संत रविदास नगर में रहने वाली धुनिया, नायक, ओझा पठारी और राजगोड़ को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का प्रावधान इस विधेयक में किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के 13 ज़िलों (महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आज़मगढ़, जौनपुर, बलिया, गाज़ीपुर, वाराणसी, मिर्ज़ापुर और सोनभद्र) में इन जातियों को पहले से ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला हुआ है।
  • गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 15 जातियाँ वर्तमान में अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल हैं।