बिहार को केंद्रीय कोटे से मिलने लगेगी करीब 9000 मेगावाट बिजली | 12 Apr 2023

चर्चा में क्यों?

11 अप्रैल, 2023 को मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार को 2024 तक केंद्रीय कोटे से करीब 9000 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • ज्ञातव्य है कि वर्तमान में एनटीपीसी की विभिन्न इकाइयों से बिहार राज्य को 6560 मेगावाट बिजली का आवंटन मिल रहा है।
  • राज्य की बिजली कंपनियों ने अगले एक से डेढ़ वर्षों में एनटीपीसी बाढ़ की दो यूनिट, झारखंड के नॉर्थ कर्णपुरा की एक यूनिट और बक्सर की दो थर्मल पावर यूनिटों से करीब 1998 मेगावाट अतिरिक्त बिजली आवंटन का अनुमान लगाया है।
  • इसके अलावा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया तथा ब्रेडा की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से भी करीब 760 मेगावाट बिजली मिलने का अनुमान है। ऐसे में बिहार को मिलने वाली बिजली की उपलब्धता 9000 मेगावाट को पार कर सकती है।
  • एनटीपीसी के बाढ़ थर्मल पावर प्लांट में अब फेज वन की दो यूनिटों का चालू होना बाकी है। ऐसी संभावना है कि मई 2023 से 660 मेगावाट की फेज वन की दूसरी यूनिट से बिहार को 405 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी। साथ ही, अप्रैल 2024 तक फेज वन की तीसरी व अंतिम यूनिट से भी 342 मेगावाट बिजली का कोटा उपलब्ध हो जाएगा।
  • जानकारी के अनुसार झारखंड में स्थित नॉर्थ कर्णपुरा की दूसरी यूनिट भी जुलाई 2023 तक पूरी हो जाएगी। इसमें बिहार का कोटा 229 मेगावाट का है।
  • बिजली कंपनियों ने 2024 तक बक्सर थर्मल पावर प्लांट की दोनों यूनिटों के चालू होने की उम्मीद जतायी है। हालाँकि वर्तमान में ज़मीन अधिग्रहण की समस्या को देखते हुए फिलहाल इसकी उम्मीद कम लग रही है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर बिजली कंपनी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) से विंड एनर्जी को लेकर 300 मेगावाट का समझौता किया है। यह बिजली दिसंबर 2023 तक उपलब्ध होगी। साथ ही, एसईसीआई के 230 मेगावाट के हाइब्रिड प्रोजेक्ट से भी दिसंबर 2023 तक जबकि ब्रेडा के सोलर पावर प्रोजेक्ट से मार्च 2024 तक 250 मेगावाट बिजली मिलने की उम्मीद जतायी गई है।
  • वर्तमान में बिहार को एनटीपीसी की सिर्फ बाढ़ थर्मल पावर की तीन की इकाइयों से 1603 मेगावाट बिजली मिल रही है। इनमें स्टेज-2 की दो इकाइयों से 1,198 मेगावाट एवं स्टेज वन की एक इकाई से 405 मेगावाट बिजली शामिल है। स्टेज वन की दूसरी, तीसरी व अंतिम इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने पर इससे 810 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी। इससे बाढ़ प्लांट से मिलने वाली बिजली 1603 मेगावाट से बढ़कर 2000 मेगावाट से कुछ ज्यादा हो जाएगी।