बस्ती का नाम होगा ‘वशिष्ठ नगर’ | 30 May 2022

चर्चा में क्यों? 

28 मई, 2022 को उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले की ज़िलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि बस्ती का नाम बदलकर महर्षि वशिष्ठ के नाम परवशिष्ठ नगरकरने का प्रस्ताव राजस्व परिषद को पुन: भेजा गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • डीएम सौम्या अग्रवाल ने बताया कि ज़िले के सभी विभागों से सहमति प्राप्त करने के बाद बस्ती ज़िले का नाम बदलने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। 
  • उन्होंने बताया कि ज़िले का नाम बदलने पर आने वाले खर्च सभी विभाग मिलकर वहन करेंगे। इसके लिये कोई अतिरिक्त शासकीय व्यय नहीं होगा। इस आशय की रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग ने भी दी है।  
  • प्रस्ताव में उल्लेख किया गया है कि रामायण काल में बस्ती में भगवान श्रीराम के कुलगुरू महर्षि वशिष्ठ का आश्रम होने के कारण इसका नाम वशिष्ठी था। यहाँ स्थित मखौड़ा धाम में राजा दशरथ ने महर्षि वशिष्ठ की प्रेरणा से ही पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था।  
  • इससे पहले 16 नवंबर, 2019 को तत्कालीन ज़िलाधिकारी आशुतोष निरंजन की ओर से यह प्रस्ताव भेजा गया। नाम बदलने पर होने वाले व्यय के बारे में परिषद ने जानकारी मांगी तो एक करोड़ का भारी-भरकम खर्च बता दिया गया, जिससे यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई और यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया।  
  • उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद और फैज़ाबाद का नाम बदले जाने के बाद वर्ष 2019 में बस्ती ज़िले का नाम बदलकर वशिष्ठ नगर करने की माँग ज़ोर पकड़ने लगी थी। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती में खुले मेडिकल कॉलेज का नाम महर्षि वशिष्ठ के नाम पर करने की घोषणा की तो इसे और बल मिल गया।  
  • बस्ती ज़िले का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्त्व है। प्राचीन काल में यह कोसल साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। 1865 में इसे गोरखपुर से अलग करके ज़िला बनाया गया और वर्ष 1997 में इसे मंडल बनाया गया।