असम दिवस | 03 Dec 2025

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम दिवस पर असम के लोगों को बधाई दी।

मुख्य बिंदु 

  • दिवस के बारे में:
    • असम राज्य सरकार ने शिवसागर ज़िले के नाजिरा में भव्य समारोह के साथ असम दिवस (सुकफा दिवस) मनाया।
    • यह कार्यक्रम सांस्कृतिक मामलों के विभाग और ताई अहोम विकास परिषद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
    • समारोह में पारंपरिक अहोम अनुष्ठान, सांस्कृतिक प्रदर्शन और अहोम राजवंश के योगदान को उजागर करने वाली प्रदर्शनियाँ शामिल थीं।
  • स्मरणोत्सव: 
    • 2 दिसंबर को असम दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो वर्ष 1228 में चाओलुंग सुकफा के वर्तमान चीन के देहोंग दाई और जिंगपो प्रांत से पटकाई पहाड़ियों को पार करने के बाद असम में आगमन की याद में मनाया जाता है।
  • संस्थापक: 
    • यह दिवस सुकफा को अहोम साम्राज्य के संस्थापक के रूप में सम्मानित करता है, जिनकी 'बोर असोम' विरासत लगभग छह शताब्दियों तक (1826 तक) चली।
      • अहोम शासकों ने असम की पहचान और क्षेत्र की रक्षा की तथा कई मुगल आक्रमणों को विफल किया।
  • उत्पत्ति: 
    • वह माओ-शान उप-जनजाति के सु (टाइगर) कबीले के एक ताई राजकुमार थे, जो मूल रूप से वर्तमान देहोंग दाई और जिंगपो क्षेत्र के मोंग माओ से थे।
  • शासन: 
    • उनके प्रशासन ने सुदृढ़ शासन, राजनीतिक स्थिरता और दीर्घकालिक राज्य निर्माण के प्रारंभिक मानक स्थापित किये।
    • अहोमों ने पुराने राजनीतिक व्यवस्था भुइयाँ (जमींदारों) को दबाकर नया राज्य स्थापित किया।
  • समाज: 
    • अहोम समाज कुलों या खेलों (khels) में विभाजित था। एक खेल अक्सर कई गाँवों पर नियंत्रण रखता था।
  • विरासत: 
    • सुकफा को असमिया पहचान के निर्माता के रूप में याद किया जाता है, जो एकता से प्रेरित, समावेशी नेतृत्व के लिये जाने जाते हैं और जिन्होंने विभिन्न समुदायों को संगठित करने का प्रयास किया।