एमनेस्टी स्कीम 2021 | 27 Sep 2021

चर्चा में क्यों?

25 सितंबर, 2021 को राज्य में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने हेतु एमनेस्टी स्कीम 2021 लागू की गई है, जो कि 31 मार्च, 2022 तक प्रभावी रहेगी।

प्रमुख बिंदु

  • इसमें पूर्व में संचालित राज्य पूंजी विनियोजन अनुदान योजना, 1990 के अंतर्गत ऐसी औद्योगिक इकाईयाँ, जो योजना के प्रावधानों एवं शर्तों का पालन करने में असफल रही हैं, उन्हें सरकार द्वारा उद्योग विभाग के माध्यम से राहत प्रदान की जाएगी। 
  • इस योजना के अंतर्गत वित्तीय संकट, प्राकृतिक आपदा, टेक्नोलॉजी परिवर्तन एवं अपरिहार्य कारणों से असफल रही इकाईयों को संबल प्रदान करने के लिये अब वसूलनीय मूल अनुदान राशि के पेटे 50 प्रतिशत राशि जमा कराने पर बकाया मूल अनुदान एवं समस्त ब्याज माफ कर दिया जाएगा। 
  • इस योजना की मुख्य विशेषता यह है कि किसी इकाई ने मूल अनुदान में से जो राशि पूर्व में जमा करा दी है, उसे शामिल करते हुए आधा मूल अनुदान जमा कराने पर भी इस स्कीम का लाभ मिलेगा। साथ ही पूर्व में आधा या उससे अधिक मूल अनुदान जमा करा चुकी इकाईयों का पूरा ब्याज माफ किया जाएगा। इससे वित्तीय कारणों से रुग्ण हो चुकी इकाइयों को राहत मिलेगी। 
  • उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त अर्चना सिंह ने कहा कि इस योजना से करीब 565 इकाईयों को लाभ मिलेगा। विगत कई वर्षों से इन इकाईयों के विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरणों से उनको न केवल राहत मिलेगी, बल्कि बंद इकाईयों के पुनर्जीवन का नया रास्ता खुलेगा, जिससे राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य पूंजी विनियोजन अनुदान योजना में राज्य सरकार ने 13,413 इकाईयों को उनके द्वारा किये गए स्थायी पूंजी निवेश पर करीब 308 करोड़ रुपए का अनुदान दिया था। 
  • इस योजना में यह शर्त थी कि लाभान्वित इकाई न्यूनतम 5 वर्ष तक उत्पादनरत् रहेगी। हालाँकि इसमें से मात्र 4 प्रतिशत इकाईयाँ इस शर्त को पूरा नहीं कर सकीं। इस कारण उनसे नियमानुसार लगभग 25 करोड़ रुपए मूल अनुदान और अब तक करीब 75 करोड़ रुपए ब्याज राशि वसूल की जानी थी, लेकिन यह इकाईयाँ वसूलनीय मूल अनुदान राशि का 50 प्रतिशत जमा कराकर इस स्कीम का लाभ ले सकेंगी।
  • इस स्कीम को अत्यंत सरल, सुगम एवं पारदर्शी बनाया गया है। पात्र इकाईयाँ बकाया मूल अनुदान की राशि जमा कराकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ अनुदान वितरण एजेंसियों, यथा- ज़िला उद्योग केंद्र, राजस्थान वित्त निगम एवं रीको को जमा कराना होगा, पात्रता जाँच के बाद सभी एजेंसियाँ अपनी अनुशंसा के साथ आवेदन पत्रों को आयुक्त, उद्योग एवं वाणिज्य को प्रेषित करेंगी। 
  • वितरण एजेंसियों से प्राप्त प्रस्ताव एवं पात्रता की जाँच उपरांत आयुक्त द्वारा संबंधित इकाई से वसूलनीय शेष मूल अनुदान एवं संपूर्ण ब्याज राशि को माफ करने का आदेश जारी किया जाएगा।