अखिल भारतीय बाघ आकलन | 13 Sep 2021

चर्चा में क्यों?

  • 12 सितंबर, 2021 को अखिल भारतीय बाघ आकलन 2022 के लिये मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाईगर रिज़र्व होशंगाबाद के पचमढ़ी में वृत्त स्तरीय नोडल अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय बाघ आकलन प्रत्येक चार वर्ष में किया जाता है। इस वर्ष यह आकलन अक्तूबर से दिसंबर तक तीन महीने चलेगा।
  • बाघ आकलन तीन चरणों में किया जाता है। इसमें प्रथम चरण में सबसे पहले मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों के सभी वन वीटों में माँसाहारी एवं शाकाहारी वन्य प्राणियों की उपस्थिति संबंधी साक्ष्य इकट्ठे किये जाते हैं।
  • द्वितीय चरण में जीआईएस मैप का वैज्ञानिक अध्ययन और तृतीय चरण में वन क्षेत्रों में कैमरा ट्रेप लगाकर वन्य प्राणियों के फोटो लिये जाते हैं।
  • इस वर्ष पेपरलेस तरीके से विशेष मोबाईल एप एम स्ट्राइप इकोलॉजिकल के जरिये बाघों के आँकड़े एकत्रित होंगे।
  • इसके साथ ही टाइगर रिज़र्व के अलावा क्षेत्रीय वन मंडल एवं निगम क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से शाकाहारी-माँसाहारी वन्य-प्राणियों की गणना पर जोर दिया जाएगा। इसके लिये मैदानी कर्मचारियों को बाघ गणना के लिये प्रशिक्षित किया जा रहा है।