इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट का 69वाँ वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन | 04 Dec 2021

चर्चा में क्यों?

3 दिसंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट के 69वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में वर्चुअल रूप से सम्मिलित हुईं।

प्रमुख बिंदु

  • यह सम्मेलन ‘ए मीटिंग ऑफ माइंड्स टू रिवाईस, एडवांस्ड प्रेक्टिसेस एंड प्रोग्रेस इन पैथोलॉजी’विषय पर आधारित था। 
  • इस सम्मेलन के लिये 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया है और 600 से 700 वैज्ञानिकों द्वारा पोस्टर एवं पेपर्स प्रस्तुत किये जा रहे हैं। 
  • इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के द्वारा पैथोलॉजी विषय की विभिन्न उपशाखाओं, जैसे- हिस्टोपैथोलॉजी, सायटोलॉजी, क्लिनिकल पैथोलॉजी, मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी पर व्याख्यान दिये गए।
  • राज्यपाल ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा विज्ञान में पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। कोरोना जैसी भयानक महामारी की पहचान भी हम पैथोलॉजी विज्ञान के माध्यम से कर पाए हैं और इसका हम बचाव भी कर रहे हैं। 
  • पैथोलॉजी साइंस मेडिकल साइंस की महत्त्वपूर्ण शाखा है, जिसमें विषय विशेषज्ञ रोग के कारण, रोग द्वारा उत्पन्न संरचनात्मक असमानताओं एवं परिवर्तनों का अध्ययन करते हैं। 
  • रोगों के निदान में पैथोलॉजिस्ट की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। विभिन्न प्रायोगिक जाँच के द्वारा सटीक रूप से बीमारी का पता लगाकर ही सही उपचार किया जा सकता है और जाँच से उपचार की वास्तविक प्रगति को भी देखा जा सकता है। 
  • वर्षों पहले जब चिकित्सा विज्ञान पूर्ण विकसित नहीं था, तब सिर्फ लक्षणों के आधार पर इलाज हुआ करता था, लेकिन पैथोलॉजी साइंस के विकास के साथ हम विभिन्न परीक्षण कर आसानी से यह पता कर सकते हैं कि मरीज़ को कौन-सा रोग है और उसके आधार पर हम उसका सटीक इलाज कर सकते हैं।