आईएचआरसी का 63वाँ सत्र उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार में आयोजित | 21 Dec 2022

चर्चा में क्यों?

18-19 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार, लखनऊ में भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति (आईएचआरसी) के 63वें सत्र का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • आईएचआरसी के 63वें सत्र का उद्घाटन दया शंकर सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), परिवहन मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 18 दिसंबर को किया गया।
  • सत्र के दौरान भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार के संग्रह से मूल अभिलेखीय स्रोतों के आधार पर ‘स्वतंत्रता की गाथा: ज्ञात और अल्प ज्ञात संघर्षों’नामक एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया।
  • दो दिवसीय सत्र में पहले दिन उद्घाटन और व्यावसायिक सत्र और अगले दिन शैक्षणिक सत्र का आयोजन किया गया। विद्वानों द्वारा भारतीय इतिहास में 1600 ई. के पश्चात् के मूल स्रोतों पर आधारित कुल 24 शोधपत्र इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुत किया गया।
  • भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति (आईएचआरसी) अभिलेखों के रचनाकारों, संरक्षकों और उपयोगकर्त्ताओं का एक अखिल भारतीय मंच है जिसकी स्थापना 1919 में अभिलेखों के प्रबंधन और ऐतिहासिक अनुसंधान के लिये उनके उपयोग से जुड़े सभी मुद्दों पर भारत सरकार को सलाह देने के लिये की गई थी।
  • नई दिल्ली स्थित भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार, भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति (1911 में भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति के तौर पर फिर से नामित) का सचिवालय है।
  • आईएचआरसी की अध्यक्षता केंद्रीय संस्कृति मंत्री करते हैं और इसमें 134 सदस्य शामिल हैं जिनमें भारत सरकार की एजेंसियाँ, भारत सरकार के नामांकित व्यक्ति, राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के अभिलेखागार, विश्वविद्यालयों और विद्वान संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हैं। आईएचआरसी ने अब तक 62 सत्र आयोजित किये हैं।
  • समिति के दो सहायक निकाय हैं, (i) समितियों के सत्रों में प्रस्तुत करने के लिये अभिलेखीय स्रोतों के आधार पर कागजात की जाँच एवं अनुमोदन करने के लिये संपादकीय समिति और (ii) स्थायी समिति अपनी सिफारिशों पर समिति द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा करने और इसके बारे में समिति की बैठक के एजेंडे पर अपने विचार व्यक्त करने के लिये। संस्कृति मंत्रालय के सचिव आईएचआरसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।