प्रधानमंत्री ने पानीपत में 2जी इथेनॉल संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया | 11 Aug 2022

चर्चा में क्यों?

10 अगस्त, 2022 को विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हरियाणा के पानीपत में दूसरी पीढ़ी (2जी) के इथेनॉल संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया।

प्रमुख बिंदु

  • संयंत्र का लोकार्पण देश में जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा वर्षों से उठाए गए कदमों की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है। यह ऊर्जा क्षेत्र को अधिक किफायती, सुलभ, कुशल और टिकाऊ बनाने के लिये प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयास के अनुरूप है।
  • इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा 2जी एथेनॉल प्लांट का निर्माण करीब 900 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया गया है और यह पानीपत रिफाइनरी के करीब स्थित है।
  • अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक पर आधारित, यह परियोजना सालाना लगभग 3 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने के लिये सालाना लगभग 2 लाख टन चावल के भूसे (पराली) का उपयोग करके भारत के ‘कचरे से कंचन’ (वेस्ट टू वेल्थ) के प्रयासों में एक नया अध्याय शुरू करेगी।
  • भारत सरकार के 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडेड मोटर स्पिरिट (EBMS) के लक्ष्य को पूरा करने के लिये इस संयंत्र से उत्पादित इथेनॉल को मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) के साथ मिश्रित किया जाएगा।
  • कृषि-फसल अवशेषों के लिये अंतिम उपयोग का सृजन होने से किसान सशक्त होंगे और उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह परियोजना इस संयंत्र के संचालन में शामिल लोगों को प्रत्यक्ष रोज़गार प्रदान करेगी और चावल के भूसे को काटने, संभालने, भंडारण आदि के लिये आपूर्ति श्रृंखला में अप्रत्यक्ष रोज़गार तैयार होंगे।
  • परियोजना में कोई तरल पदार्थ बाहर नहीं निकलेगा। पराली (पराली) को जलाने में कमी लाकर, यह परियोजना ग्रीनहाउस गैसों को लगभग 3 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन प्रतिवर्ष कम कर देगी, जिसे देश की सड़कों पर सालाना लगभग 63,000 कारों को हटाए जाने के बराबर समझा जा सकता है।
  • प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इस आधुनिक संयंत्र की स्थापना से हरियाणा के किसानों के लिये पराली अतिरिक्त आय का माध्यम बनेगी, जहाँ चावल और गेहूँ बहुतायत में उगाए जाते हैं। इस प्लांट से दिल्ली, हरियाणा और एनसीआर में प्रदूषण कम होगा।