राजस्थान में पेयजल की गुणवत्ता जाँच के लिये स्थापित होंगी 250 नई प्रयोगशालाएँ | 14 Oct 2022

चर्चा में क्यों?

13 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य के विभिन्न ज़िलों में पंचायत समिति स्तर पर पेयजल की गुणवत्ता जाँच के लिये 250 नई प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।

प्रमुख बिंदु

  • उन्होंने पेयजल की गुणवत्ता एवं जल संरक्षण को लेकर आमजन में जागरूकता पैदा करने तथा ब्लॉक स्तर पर स्थापित होने वाली लैब के लिये भवन चिह्नित करने में तेज़ी लाने के निर्देश दिये।
  • डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि नई प्रयोगशालाएँ स्थापित होने से पानी की गुणवत्ता में और सुधार करते हुए आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में आसानी होगी।
  • ज्ञातव्य है कि वर्तमान में प्रदेश के 32 ज़िलों में ज़िलास्तरीय प्रयोगशालाएँ एवं जयपुर में राज्य स्तर की प्रयोगशाला कार्यरत् हैं।
  • संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत 20 ज़िलों में आउटसोर्स पर आधारित मोबाइल लैब पानी की गुणवत्ता जाँच कर रही हैं। इनमें जोधपुर एवं उदयपुर रीज़न में 6-6 तथा कोटा एवं अजमेर रीज़न में 4-4 मोबाइल लैब कार्यरत् हैं।
  • विदित है कि जल जीवन मिशन के तहत इस वर्ष अभी तक 10 हज़ार 689 फील्ड टेस्ट किट, 7 लाख 52 हज़ार 207 जीवाणु जाँच किट वितरित की गई हैं तथा ग्राम जल स्वच्छता समितियों के सदस्यों को पानी की गुणवत्ता जांच का प्रशिक्षण देने के लिये ज़िला रसायनज्ञ एवं फील्ड अभियंताओं द्वारा 1421 शिविर आयोजित किये गए हैं। अप्रैल से लेकर अभी तक 91 प्रतिशत केमिकल टेस्टिंग तथा 48 प्रतिशत जीवाणु जाँच की गई हैं। 20 मोबाइल लैब के माध्यम से 86 प्रतिशत सैंपल टेस्टिंग की गई हैं।