अगले पाँच वर्षों में धीमी गति से पवन ऊर्जा क्षमता का विस्तार: क्रिसिल

चर्चा में क्यों?

हाल में जारी क्रिसिल की एक रिपोर्ट ने आने वाले पाँच वर्षों में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में क्षमता विस्तार की धीमी दर का अनुमान लगाया है।

प्रमुख बिंदु

  • वर्ष 2019 से 2023 तक पवन ऊर्जा क्षेत्र की क्षमता में वृद्धि दर धीमी होने की संभावना है, ऊर्जा क्षेत्र की क्षमता में वृद्धि दर में कमी केंद्रीय ट्रांसमिशन यूटिलिटीज़ (सीटीयू) ग्रिड कनेक्टेड कैपेसिटी के आवंटन से प्रेरित है।
  • ऐसा पाया गया है कि एक प्रतिस्पर्द्धी बोली प्रक्रिया में बदलाव से उद्योग की वृद्धि दर धीमी हो गई है। मूल उपकरण निर्माताओं (Original Equipment Manufacturers-OEMs) के लिये बोली की प्रतिक्रिया और लाभप्रदता दोनों में गिरावट आई है।
  • ऊर्जा क्षमता को मुख्य रूप से सौर ऊर्जा निगम ऑफ इंडिया (SECI) और PTC इंडिया जैसे अपेक्षाकृत मज़बूत समकक्षों में केंद्र सरकार द्वारा आवंटित किया जाएगा, जो राज्य के जोखिम को कम करेंगे।
  • दूसरी ओर, राज्यों की नीलामी प्रक्रिया धीमी हो गई है क्योंकि कई राज्यों ने अपने गैर-सौर नवीकरणीय खरीद दायित्वों (आरपीओ) को पूरा करने में मदद हेतु उनके द्वारा नीलाम की गई योजनाओं के तहत पवन ऊर्जा की खरीद के लिये PTC और SECI के साथ बिजली आपूर्ति समझौतों (PSAs) पर हस्ताक्षर किये हैं।

क्रिसिल (CRISIL)

  • क्रिसिल एक वैश्विक विश्लेषणात्मक कंपनी है जो रेटिंग, अनुसंधान, जोखिम तथा नीति संबंधी सलाहकार सेवाएँ प्रदान करती है।
  • इसकी अधिकांश हिस्सेदारी ‘स्टैंडर्ड एंड पूअर्स’ के पास है, जो मैकग्रा हिल फाइनेंशियल का एक विभाग है।