अनगाॅर्डेड एक्स हाइपोथिसिस

प्रीलिम्स के लिये:

गुणसूत्र

मेन्स के लिये:

अनगाॅर्डेड एक्स हाइपोथिसिस क्या है

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स ( University of New South Wales-UNSW) सिडनी के वैज्ञानिकों द्वारा ‘बॉयोलॉजी लेटर्स’ पत्रिका (Biology Letters Journal) में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, विश्व में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की कम उम्र का कारण लिंग गुणसूत्र (Sex Chromosomes) है।

अन्य बिंदु:

  • भारत में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुषों की संख्या महिलाओं से 37 मिलियन अधिक थी लेकिन 60 वर्ष से अधिक की आयु वाली जनसंख्या में पुरुषों की तुलना में 1 मिलियन महिलाएँ अधिक थी।
  • विश्व में पुरुष महिलाओं की तुलना में कम समय तक जीवित रहते है जिसके पक्ष में वैज्ञानिकों द्वारा उनमे जोखिम लेने की प्रवृत्ति का अधिक पाया जाना, धूम्रपान तथा अल्कोहल का सेवन करना जैसे विभिन्न सिद्धांत प्रस्तुत किये गये।
  • नवीनतम शोध के अनुसार, पुरुषों में कम आयु प्रत्याशा लिंग गुणसूत्र (Sex Chromosomes) से संबंधित है।

गुणसूत्र:

  • मनुष्य का शरीर कोशिकाओं (Cells) से मिलकर बना होता है तथा प्रत्येक कोशिका के केंद्र में एक केंद्रक (Nucleus) होता है।
  • केंद्रक में गुणसूत्र विद्यमान होते हैं जिन पर जीन (Genes) उपस्थित होते हैं।
  • जीन द्वारा ही जीवों में विभिन्न लक्षणों जैसे-आँखों का रंग, रक्त समूह तथा लिंग का निर्धारण किया जाता है।
  • मानव की किसी भी कोशिका में 23 जोड़े गुणसूत्र पाये हैं जिनमें एक जोड़ी लिंग गुणसूत्रों होते हैं।जिन्हें ‘X’ एवं ‘Y’ गुणसूत्र कहा जाता है। लिंग निर्धारण में इन्ही गुणसूत्रों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • लिंग गुणसूत्रों के रूप में महिलाओं में एक जोड़ी ‘XX’ गुणसूत्र पाये जाते है जबकि पुरुषों में एक ‘X’तथा एक ‘Y’ गुणसूत्र पाया जाता है।

अनगाॅर्डेड एक्स हाइपोथिसिस:

  • इस परिकल्पना के अनुसार, XY गुणसूत्र में Y गुणसूत्र किसी भी व्यक्ति को उसके X गुणसूत्र पर व्यक्त हानिकारक जीन प्रभाव से बचाने में सक्षम नहीं है।
  • पुरुषों में Y गुणसूत्र X गुणसूत्र की तुलना में छोटा होता है जो हानिकारक उत्परिवर्तन (Mutation) करने वाले जीन का सामना करने में समर्थ/सक्षम नहीं होता।
  • परिकल्पना के अनुसार, महिलाओं में इस तरह की कोई समस्या देखने को नहीं मिलती क्योंकि महिलाओं में लिंग गुणसूत्रों के रूप में दोनों गुणसूत्र XX होते है।
  • ऐसी स्थिति में यदि एक X गुणसूत्र में किसी भी कारण से उत्परिवर्तन हो जाता है तो दूसरा स्वस्थ X गुणसूत्र उसके स्थान पर आ जाता है जिससे हानिकारक जीन का कोई प्रभाव उत्पन्न नहीं होता जो जीवों में लंबी आयु का कारण होता है।

परिकल्पना के लिये परीक्षण:

  • शोधकर्त्ताओं ने अपने अध्ययन में न केवल प्राइमेट्स (Primates) तथा स्तनधारियों (Mammals) को शामिल किया बल्कि पक्षियों (Birds), सरीसृपों (Reptiles), मछलियों (Fish), उभयचरों (Amphibians),अरचिन्ड्स (Arachnids), कॉकरोच (Cockroaches), टिड्डों (Grasshoppers), बीटल ( Beetles) और तितलियों (Butterflies) को भी शामिल किया गया।
  • अध्ययन में शोधकर्ताओं द्वारा देखा गया कि विषमलैंगिक लिंग ( Heterogametic Sex) यानि XY गुणसूत्र वाली प्रजाति/जीव, की आयु प्रत्याशा होमोगैमिक लिंग (Heterogametic Sex) यानि XX गुणसूत्र वाले जीवों की तुलना में कम हैं।
  • अध्ययन में देखा गया कि ऐसी प्रजातियाँ जहाँ नर विषम (XY) हैं वहां मादाएँ पुरुषों की तुलना में लगभग 21% अधिक जीवित रहती हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस