रुमेटिक बुखार

चर्चा में क्यों ?

आमवाती बुखार/रुमेटिक (Rheumatic Fever) और आमवाती/रुमेटिक हृदय रोगों (Rheumatic Heart Diseases) से लड़ने के लिये भारत सरकार ने पेनिसिलिन के प्रचलन की दोबारा योजना बनाई है।

पेनिसिलिन

  • पेनिसिलिन पहली एंटीबायोटिक है तथा इसकी खोज सर अलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग (Sir Alexander Fleming) ने वर्ष 1928 में की थी।
  • यह एंटीबायोटिक दवाओं का समूह है जो शरीर के कई हिस्सों जैसे- मुंँह, गले, कोमल ऊतक, टॉन्सिल, हृदय, फेफड़े और कान आदि में संक्रमण के खिलाफ उपयोगी है।
  • पश्चिमी देशों में यह अभी भी प्रथम स्थान पर प्रयोग की जाने वाली एंटीबायोटिक है, द्वितीय विश्व युद्ध में घायल अमेरिकी सैनिकों के लिये इस एंटीबायोटिक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।
  • भारत में अवास्तविक मूल्य निर्धारण के कारण बाजारों में इसका प्रचलन बंद हो गया था।
  • सरकार द्वारा इस दवा का मूल्य बहुत कम निर्धारित किया गया था जिससे इसका उत्पादन बंद हो गया था।

पेनिसिलिन की बहाली के कारण

  • भारत में रुमेटिक बुखार और रुमेटिक हृदय रोग के मरीज़ों की संख्या अधिक है, बच्चे के जन्म के समय इस रोग का अनियंत्रित होना मातृ मृत्यु का कारण बन सकता है।
    • रुमेटिक बुखार भारत में स्थानिक है और हृदय रोगों के प्रमुख कारणों में से एक बना हुआ है।
  • जनसंख्या आधारित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में रुमेटिक बुखार और रुमेटिक हृदय रोगों से प्रति 1000 लोगों में 2 लोग पीड़ित हैं।
    • हालाँकि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council Of Medical Research- ICMR) के अनुसार 5-16 वर्ष की आयु के प्रति 1000 बच्चों में से 6 बच्चे इससे पीड़ित हैं।

rheumatic heart

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, पेनिसिलिन के सेवन से रुमेटिक बुखार और रुमेटिक हृदय रोग का इलाज संभव है।
    • रुमेटिक बुखार के इलाज के लिये पेनिसिलिन सबसे सस्ता विकल्प है।

मातृ मृत्यु

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान या बच्चे के जन्म के 42 दिनों के भीतर प्रसूति महिला की गर्भावस्था या प्रबंधन से संबंधित कारणों से हुई मृत्यु, मातृ मृत्यु कहलाती है, इसमें आकस्मिक कारणों को शामिल नहीं किया जाता है।

मातृ मृत्यु दर

मातृ मृत्यु दर का आशय एक निश्चित समयावधि के दौरान प्रति 100000 पंजीकृत, जन्म या गर्भावस्था से संबंधित जटिलताओं के कारण मातृ मृत्यु की संख्या से होता है। भारत में यह आंँकड़ा वर्ष 2016 के अनुसार 130/100000 था।

रुमेटिक बुखार (Rheumatic Fever)

  • यह एक संक्रामक रोग है जो लाल बुखार (गला ख़राब करता है) का भी कारक है।
  • रुमेटिक बुखार हृदय को स्थायी रूप से नुकसान पहुंँचा सकता है जिसमें ह्रदय वाल्व की क्षतिग्रस्तता से लेकर ह्रदय की विफलता (Heart Failure) तक हो सकती है।
  • प्रसार: रुमेटिक बुखार 5-15 वर्ष के बच्चों में सबसे सामान्य है, हालांँकि यह शिशुओं और वयस्कों को भी हो सकता है।
  • कारण: रुमेटिक बुखार, समूह ए स्ट्रेप्टोकोकस (Group A streptococcus) नामक जीवाणु के कारण हुए गले के संक्रमण से होता है।
  • इसलिये भारत सरकार पेनिसिलिन को प्रयोग में लाने की कोशिश कर रही है तथा इसे 5-15 वर्ष की आयु तक के उन बच्चों में वितरित किया जाएगा जिन्हें कम-से-कम एक बार गले में संक्रमण हुआ है।
  • दवा को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से या मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं (आशा) द्वारा वितरित किया जाएगा।
  • सरकार इसे मूल्य नियंत्रण सूची से हटाने के लिये राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Pharmaceutical Pricing Authority- NPPA) के साथ भी परामर्श कर रही है।
  • उत्पादन को फिर से शुरू करने के लिये सरकार तीन वर्ष तक दवा की खरीद करेगी जिससे निर्माताओं को उत्पादन प्रक्रिया फिर से शुरू करने हेतु प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस