पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर निकले तीन और बैंक

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) ने तीन और बैंकों इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank), कॉरपोरेशन बैंक (Corporation Bank) और धनलक्ष्मी बैंक (Dhanlaxmi Bank) को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (Prompt Corrective Action-PCA) ढाँचे से बाहर कर दिया।

प्रमुख बिंदु

  • इससे पहले केंद्रीय बैंक ने बैंक ऑफ इंडिया (Bank Of India-BOI), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra) और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce) को PCA की पाबंदियों से मुक्त किया था।
  • RBI के वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड (Board for Financial Supervision-BFS) द्वारा बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है।

लाभ

  • भारतीय रिज़र्व द्वारा PCA ढाँचे/फ्रेमवर्क से बाहर निकाले जाने के बाद इन बैंकों द्वारा ऋण देने और शाखा विस्तार करने के संदर्भ में आ रही अड़चनों को दूर करने में मदद मिलेगी।

त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (Prompt Corrective Action-PCA)

  • त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) एक ऐसा ढाँचा है जिसके तहत कमज़ोर वित्तीय तंत्र वाले बैंकों को RBI की निगरानी में रखा जाता है।
  • RBI ने वर्ष 2002 में PCA फ्रेमवर्क को एक संरचित (Structured) त्वरित हस्तक्षेप तंत्र (Early-Intervention Mechanism) के रूप में उन बैंकों के लिये तैयार किया था जो परिसंपत्ति की ख़राब गुणवत्ता या लाभप्रदता के नुकसान के कारण ख़राब स्थिति में पहुँच चुके थे।
  • इसके तहत भारतीय रिज़र्व बैंक कमज़ोर और संकटग्रस्त बैंकों पर आकलन, निगरानी, नियंत्रण और सुधारात्मक कार्रवाई के लिये कुछ सतर्कता बिंदु आरोपित करता है।
  • PCA फ्रेमवर्क में शामिल बैंकों से कुछ जोखिमपूर्ण गतिविधियों से परहेज करने, अपने कामकाज की दक्षता बढ़ाने और पूंजी सुरक्षा पर ज़ोर देने के लिये कहा जाता है। इसके अलावा इन बैंकों द्वारा नए ऋण/कर्ज़ देने पर भी रोक लगा दी जाती है।

स्रोत : द हिंदू (बिज़नेस लाइन)