प्रीलिम्स फैक्ट्स: 24 मई, 2019

न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड

हाल ही में न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (New Space India Limited-NSIL) का आधिकारिक रूप से बंगलूरु में उद्घाटन किया गया है। गौरतलब है कि न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation-ISRO) की एक वाणिज्यिक शाखा है।

  • अंतरिक्ष के क्षेत्र में ISRO द्वारा की गई अनुसंधान और विकास गतिविधियों के व्यावसायिक उपयोग हेतु न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड को 100 करोड़ रुपए के अधिकृत शेयर पूंजी (पेड-अप कैपिटल 10 करोड़ रुपए) के साथ 6 मार्च, 2019 को शामिल किया गया था।
  • यह ‘एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन’ के बाद इसरो की दूसरी व्यावसायिक शाखा है। एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन को मुख्य रूप से वर्ष 1992 में इसरो के विदेशी उपग्रहों के वाणिज्यिक प्रक्षेपण की सुविधा हेतु स्थापित किया गया था।

उद्देश्य

  • NSIL का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों में उद्योग की भागीदारी को बढ़ाना है।
  • NSIL अंतरिक्ष से संबंधित सभी गतिविधियों को एक साथ लाएगा और संबंधित प्रौद्योगिकियों में निजी उद्यमशीलता का विकास करेगा।

NSIL का उत्तरदायित्व

  • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर मैकेनिज्म के माध्यम से स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Small Satellite Launch Vehicle-SSLV) और पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Polar Satellite Launch Vehicle-PSLV) का निर्माण और उत्पादन।
  • यह उभरती हुई वैश्विक वाणिज्यिक SSLV बाज़ार की मांग को भी पूरा करेगा, जिसमें उपग्रह निर्माण और उपग्रह-आधारित सेवाएँ प्रदान करना शामिल है।

मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

जोखा अल्हार्थी (Jokha Alharthi) अपने उपन्यास 'सेलेस्टियल बॉडीज़’ (Celestial Bodies) के लिये मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार (Man Booker International Prize) जीतने वाली पहली अरबी लेखिका बन गई हैं।

  • बुकर पुरस्कार के तहत प्राप्त 50 हज़ार पाउंड यानी 44 लाख रुपए की धनराशि को अनुवादक और लेखक के मध्य विभाजित करना होता है। अल्हार्थी की अनुवादक अमेरिका की मर्लिन बूथ है, जो ऑक्सफ़ोर्ड विश्विद्यालय में अरबी साहित्य पढ़ाती है। 'केलेस्टियल बॉडीज़’ मूल रूप से अरबी भाषा में लिखा उपन्यास है।
  • इस उपन्यास में तीन बहनों- मय्या, अस्मा और ख्वाला की कहानी है, जो एक मरुस्थलीय देश में रहती हैं। उपन्यास में तीनों बहनों के ‘दासता’ के अपने इतिहास से उबर कर जटिल आधुनिक विश्व के साथ तालमेल बैठाने की जद्दोजहद का वर्णन किया गया है।
  • अल्हार्थी ओमान की पहली महिला लेखिका हैं जिनके कार्य का अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद किया गया है।
  • मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार को वर्ष 2005 में स्थापित किया गया था और वर्ष 2016 में यह अनुवादित कथा/कार्य की श्रेणी में एक पुरस्कार के रूप में परिणत हो गया।
  • वार्षिक रूप से यह पुरस्कार अंग्रेज़ी में अनुवादित और यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में प्रकाशित कार्य के लिये प्रदान किया जाता है।
  • मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार अंग्रेज़ी भाषा से इतर अन्य भाषाओं में कार्य करने वाले लेखकों पर केंद्रित है।
  • वर्ष 1969 में शुरू हुए मैन बुकर पुरस्कार (Man Booker Prize) का उद्देश्य अंग्रेज़ी भाषा में लिखे और यूनाइटेड किंगडम में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ उपन्यास को पुरस्कृत करना है।
  • वर्ष 2018 में अन्ना बर्न्स (Anna Burns) के उपन्यास 'मिल्कमैन' (Milkman) को यह पुरस्कार प्रदान किया गया था।

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के निकायों हेतु ‘प्राप्ति’ वेब पोर्टल

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy-MNRE) अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के निकायों हेतु ‘प्राप्ति’ वेब पोर्टल की तरह एक वेब स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है ताकी भुगतान में देरी का सार्वजनिक रूप से खुलासा किया जा सके।

‘प्राप्ति’ वेब पोर्टल

विद्युत मंत्रालय ने वर्ष 2018 में बिजली भुगतानों में पारदर्शिता लाने हेतु प्राप्ति (PRAAPTI-Payment Ratification And Analysis in Power procurement for bringing Transparency in Invoicing of generators) नामक एप तथा वेब पोर्टल लॉन्च किया था।

  • ‘प्राप्ति’ एप तथा वेब पोर्टल बिजली खरीद में बिजली उत्पादकों और बिजली वितरण कंपनियों के बीच पारदर्शिता लाने के लिये विकसित किया गया।
  • यह एप और वेब पोर्टल बिजली उत्पादकों से विभिन्न दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौतों के लिये चालान और भुगतान डाटा कैप्चर करता है।
  • इससे हितधारकों को बिजली खरीद के मामले में वितरण कंपनियों की बकाया राशि का मासिक और पारंपरिक आँकड़ा प्राप्त करने में मदद मिलती है।
  • यह एप यूज़र्स को बिजली वितरण कंपनियों द्वारा बिजली उत्पादक कंपनी को किये गए भुगतानों से संबंधित ब्योरा जानने की अनुमति प्रदान करती है।
  • उपभोक्ता बिजली उत्पादक कंपनियों को किये गए भुगतान के संदर्भ में बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय कार्य-प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकने में सक्षम हैं।
  • यह पोर्टल बकाया भुगतानों के बारे में बिजली वितरण कंपनियों और उत्पादक कंपनियों के बीच सुलह कराने में भी मददगार है।
  • पोर्टल विभिन्न बिजली उत्पादक कंपनियों को भुगतान सहजता के बारे में विभिन्न राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों के तुलनात्मक मूल्यांकन में मदद देता है।

ख्याल

ख्याल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक रूप है। ‘ख्याल’ शब्द फारसी से लिया गया है जिसका अर्थ ‘विचार या कल्पना’ है।

  • कहा जाता है कि 13वीं-14वीं शताब्दी में अमीर खुसरो ने इसे प्रोत्साहन दिया था।
  • 15वीं शताब्दी के सुल्तान मोहम्मद शर्की को इस प्रारूप को प्रोत्साहित करने का श्रेय दिया जाता है। हालाँकि 18वीं शताब्दी के नियामत खान सदारंग और अदारंग ने इसे परिपक्व बनाया।
  • ख्याल के दो रूप विद्यमान हैं-
  • धीमी या विलंबित ख्याल
  • तेज़ या द्रुत ख्याल
  • विलंबित ख्याल में गाए जाने वाले ख्याल बड़े ख्याल कहलाते हैं जिन्हें विलंबित एक ताल, तीनताल, झूमरा, आड़ा चौताल इत्यादि में गाया जाता है। छोटा ख्याल मध्य लय या द्रुत लय में शुरू किया जाता हैं जिसे प्राय: त्रिताल और एक ताल में गाया जाता है।
  • दोनों प्रकार के ख्यालों के दो खंड होते हैं- अस्थायी और अंतरा। अस्थाई और अंतरा मिलकर एक गीत, एक रचना या बंदिश बनाते हैं।
  • आमतौर पर, इन ख़याल बंदिशों का विषय स्वभाव से रोमानी होता है।
  • ख्याल संगीत के अंतर्गत प्रमुख घराने (स्कूल) ‘ग्वालियर घराना’, ‘आगरा घराना’, ‘जयपुर अतरोली घराना’, ‘रामपुर सहसवान घराना’ हैं।

ठुमरी

  • ‘ठुमरी’ शब्द का प्रयोग उत्तर भारतीय संगीत की एक विशेष प्रकार की गेयविधा हेतु किया जाता है। 17वीं शताब्दी में फकीरुल्लाह कृत ‘रागदर्पण’ ग्रंथ में भी बरवा धुन या राग को ठुमरी कहा गया है।
  • मिर्ज़ा खान (17वीं शताब्दी) कृत ‘तोहफफ़तुलहिन्द’ और जयपुर के राजा सवाई प्रताप सिंह (18वीं शताब्दी) कृत ‘श्री राधाा गोविंद संगीतसार’ ग्रंथ में भी ठुमरी का उल्लेख एक राग के रूप में किया गया है।
  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार, ‘ठुमरी’ शब्द, हिंदी के अंतर्गत मूलतः ब्रजभाषा का संज्ञा स्त्रीलिंग शब्द है।
  • सामान्तया लोगों की धारणा है कि 19वीं शताब्दी में अवध के शासक वाजिद अली शाह के समय लखनऊ दरबार से ठुमरी गान शुरू हुआ।
  • ठुमरी एक रागों का एक मिश्रित रूप है जो आमतौर पर अर्द्ध-शास्त्रीय भारतीय संगीत माना जाता है।
  • इस शैली की उत्पत्ति उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में हुई थी। इसमें भगवान श्रीकृष्ण और राधा के जीवन के प्रसंगों का वर्णन किया जाता है। यह एक मुक्त गायन शैली है, जिसमें कम-से-कम शब्दों के द्वारा अधिकाधिक अर्थों को संगीत के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।
  • यह अपनी संरचना और प्रस्तुति में अधिक गीतात्मक है। ये प्रेमगीत होते हैं, इसलिये शब्द रचना अति महत्त्वपूर्ण होती है।
  • ठुमरी का गायन एक विशिष्ट मनोदशा में होता है। इसी आधार पर इसे खमाज़, काफी, भैरवी आदि रागों में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें संगीतात्मक व्याकरण का सख्ती से पालन नहीं किया जाता है।
  • ठुमरी गायन की दो शैलियाँ हैं- पूरब या बनारस शैली, यह धीमी और सौम्य शैली है और पंजाबी शैली, यह अधिक जीवंत है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority- NHA) और नेशनल कैंसर ग्रिड ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat-Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) के तहत एक ‘समझौता ज्ञापन’ पर हस्ताक्षर किये हैं।

  • यह ‘समझौता ज्ञापन’ मौजूदा कैंसर उपचार पैकेजों, सेवाओं के मूल्य निर्धारण और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत शामिल मानक उपचारों के कार्यों की संयुक्त रूप से समीक्षा करेगा और कैंसर देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये उचित कदम उठाएगा।

राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (NCG)

  • राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (National Cancer Grid-NCG) देश भर में प्रमुख कैंसर केंद्रों, अनुसंधान संस्थानों, रोगी समूहों और धर्मार्थ संस्थानों का एक नेटवर्क है जिसका गठन अगस्त 2012 में किया गया था।
  • उद्देश्य
  • कैंसर की रोकथाम, निदान और उपचार हेतु समान मानक स्थापित करना।
  • ऑन्कोलॉजी (Oncology) में विशेष प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से जुड़ा कार्यालय है।
  • इसके गवर्निंग बोर्ड की अध्यक्षता स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री करते हैं।
  • एनएचए को केंद्र और राज्य सरकारों, नागरिक समाज, वित्तीय और बीमा एजेंसियों, शिक्षाविदों, थिंक टैंकों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ रणनीतिक साझेदारी और सहयोग के विकास का नेतृत्व करने के लिये परिकल्पित किया गया है ताकि आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के उद्देश्यों को आगे बढ़ाया जा सके।