पुलिस स्टेशनों और न्यायालयों को एकीकृत करने के लिये पायलट प्रोजेक्ट

चर्चा में क्यों?


सर्वोच्च न्यायालय के एक पैनल ने तेलंगाना के वारंगल ज़िले में आपराधिक न्याय वितरण प्रणाली के दो महत्त्वपूर्ण स्तंभों- अदालतों और पुलिस स्टेशनों को एकीकृत करने के लिये एक पायलट परियोजना शुरू की है।

प्रमुख बिंदु

  • शीर्ष अदालत की ई-कमेटी की एक पहल, इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (Inter-operable Criminal Justice System- ICJS) सभी आपराधिक अदालतों और पुलिस स्टेशनों के बीच डेटा के लाइव आदान-प्रदान को संभव बनाने का प्रयास करती है।
  • जस्टिस एम.बी. लोकुर, सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमेटी के प्रमुख हैं और ICJS के अध्यक्ष भी हैं।
  • यह परियोजना सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के साथ संरेखित है और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देगी।
  • यह प्रथम सूचना रिपोर्ट (First Information Reports-FIR) और चार्जशीट दायर करने जैसी कागज़ी कार्रवाई और दस्तावेज़ी सबूतों के काम को पूरा करने में लगने वाले समय को बचाने में मदद करेगी।
  • जाँच अधिकारियों के लिये अदालती कार्रवाई की ट्रैकिंग आसान हो जाएगी।
  • इसके अगले चरण में ICJS डेटा साझाकरण को अन्य राज्यों में विस्तारित करना और इसे जेलों, फोरेंसिक केंद्रों, अभियोजन प्रणालियों तथा किशोर गृहों तक विस्तारित करना शामिल हैं।
  • ई-न्यायालय परियोजना का उद्देश्य देश भर में ज़िला और अधीनस्थ अदालतों का कंप्यूटरीकरण है।
  • यह कार्यान्वयन के अंतिम चरण में पहुँच गया है। इसमें 16,755 ज़िला अदालतों को शामिल किया गया है। परियोजना के तहत ई-सम्मन, वकीलों और वादियों को SMS अलर्ट तथा ई-फाइलिंग जैसी कई इलेक्ट्रॉनिक सेवाएँ शुरू की गई हैं।
  • नेशनल न्यायिक डाटा ग्रिड (National Judicial Data Grid) 100 मिलियन से अधिक मामलों की एक गतिशील रिपॉज़िटरी की मेज़बानी करता है।

राष्‍ट्रीय न्‍यायिक डाटा ग्रिड (National Judicial Data Grid-NJDG)

  • राष्‍ट्रीय न्‍यायिक डाटा ग्रिड ई-न्‍यायालय एकीकृत मिशन मोड परियोजना का अंग है। ई-न्‍यायालय राष्ट्रीय पोर्टल (ecourts.gov.in) की शुरुआत अगस्त 2013 में की गई थी।
  • तब से अब तक 2852 से अधिक ज़िला और तालुका कोर्ट कॉम्प्लेक्स ने NJDG पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
  • NJDG मामलों की पहचान करने, प्रबंधन एवं लंबित होने की अवधि को कम करने के लिये निगरानी के साधन के रूप में कार्य करता है।
  • NJDG ने विशेष रूप से भारत को वर्ल्ड बैंक की ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट में अपनी रैंकिंग में सुधार करने में मदद की है।

स्रोत : हिंदुस्तान टाइम्