निपाह वायरस संक्रमण (NiV)

प्रिलिम्स के लिये:

निपाह वायरस संक्रमण, आईजीजी, आईजीएम, आईजीए, आईजीडी, आईजीई, जूनोटिक वायरस, राइबोन्यूक्लिक एसिड वायरस, एन्सेफेलाइटिक सिंड्रोम

मेन्स के लिये: 

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियांँ

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी से पकड़े गए 51 चमगादड़ों में निपाह वायरस संक्रमण ( Nipah virus infection- NiV) के खिलाफ आईजीजी (IgG) एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाया गया है।

एंटीबॉडी:

  • एंटीबॉडी, जिसे इम्युनोग्लोबुलिन भी कहा जाता है एक सुरक्षात्मक प्रोटीन है जो एक बाह्य पदार्थ की उपस्थिति की प्रतिक्रिया में प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) जिसे एंटीजन कहा जाता है, द्वारा निर्मित होता है।
  • पदार्थों की एक विस्तृत शृंखला को शरीर द्वारा एंटीजन के रूप में जाना जाता है, जिसमें रोग उत्पन्न करने वाले जीव और विषाक्त पदार्थ शामिल हैं।
  • एंटीबॉडी शरीर से निकालने के लिये एंटीजन की पहचान कर उन पर हमला करते हैं।

 एंटीबॉडी के प्रकार:

  • आईजीजी (IgG): 
    • यह रक्त में पाई जाने वाली मुख्य एंटीबॉडी है और इसमें बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थों को बाँधने की ज़बरदस्त क्षमता होती है। यह जैविक रक्षा प्रणाली में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
    • यह एकमात्र आइसोटाइप है जो प्लेसेंटा से गुज़रता है। माँ के शरीर से स्थानांतरित IgG नवजात शिशु की रक्षा करता है।.
  • आईजीएम (IgM): 
    • यह बुनियादी Y-आकार की संरचनाओं की पाँच इकाइयों से निर्मित होती है तथा जिसे मुख्य रूप से रक्त में वितरित किया जाता है। B कोशिकाओं द्वारा रोगजनक़ के आक्रमण करने पर सबसे पहले IgM का निर्माण होता है जिनकी शरीर में  प्रारंभिक प्रतिरक्षा प्रणाली की रक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
      • B-सेल, जिसे बी-लिम्फोसाइट (B-lymphocyte) भी कहा जाता है, एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका होती है जिनकी शरीर को संक्रमण से बचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • आईजीए (IgA):
    • रक्त में IgA मुख्य रूप से मोनोमर्स (एकल Y का आकार) के रूप में मौजूद होती है लेकिन यह श्लेष्मा झिल्ली से बैक्टीरिया के आक्रमण को रोकने वाले आंत्र द्रव, नाक से स्राव और लार जैसे स्राव में डिमर (2 Ys का संयोजन) का निर्माण करती है। यह स्तन के दूध में भी मौजूद होती है और नवजात शिशुओं के जठरांत्र संबंधी मार्ग को बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से सुरक्षित रखती है।
  • आईजीडी (IgD):
    • यह B कोशिकाओं की सतह पर मौजूद होती है और यह एंटीबॉडी उत्पादन शुरू करने तथा श्वसन पथ के संक्रमण की रोकथाम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • आईजीई (IgE):
    • ऐसा माना जाता है कि IgE का संबंध मूल रूप से परजीवियों के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं से था। मस्तूल कोशिकाओं (Mast Cells) से जुड़कर IgE को परागण जैसी एलर्जी के लिये उत्तरदायी भी माना जाता है

निपाह वायरस:

  • परिचय:
    • यह एक ज़ूनोटिक वायरस है (जानवरों से इंसानों में संचरित होता है)।
    • निपाह वायरस एन्सेफेलाइटिस के लिये उत्तरदायी जीव पैरामाइक्सोविरिडे श्रेणी तथा हेनिपावायरस जीनस/वंश का एक RNA या राइबोन्यूक्लिक एसिड वायरस है तथा हेंड्रा वायरस से निकटता से संबंधित है।
      • हेंड्रा वायरस (HeV) संक्रमण एक दुर्लभ उभरता हुआ ज़ूनोसिस है जो संक्रमित घोड़ों और मनुष्यों दोनों में गंभीर तथा अक्सर घातक बीमारी का कारण बनता है।
    • यह पहली बार वर्ष 1998 और 1999 में मलेशिया तथा सिंगापुर में देखा गया था।
    • यह पहली बार घरेलू सुअरों में देखा गया और कुत्तों, बिल्लियों, बकरियों, घोड़ों तथा भेड़ों सहित घरेलू जानवरों की कई प्रजातियों में पाया गया।
  • संक्रमण:
    • यह रोग पटरोपस जीनस के ‘फ्रूट बैट’ या 'फ्लाइंग फॉक्स' के माध्यम से फैलता है, जो निपाह और हेंड्रा वायरस के प्राकृतिक स्रोत हैं।
    • यह वायरस चमगादड़ के मूत्र और संभावित रूप से चमगादड़ के मल, लार व जन्म के समय तरल पदार्थों में मौजूद होता है।
  • लक्षण:
    • मानव संक्रमण में बुखार, सिरदर्द, उनींदापन, भटकाव, मानसिक भ्रम, कोमा और संभावित मृत्यु आदि एन्सेफेलाइटिक सिंड्रोम सामने आते हैं।
  • रोकथाम:
    • वर्तमान में मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिये कोई टीका नहीं है। निपाह वायरस से संक्रमित मनुष्यों की गहन देखभाल की आवश्यकता होती है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017) 

  1. उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में जीका वायरस रोग उसी मच्छर द्वारा संचरित होता है जिससे डेंगू संचरित होता है।
  2. जीका वायरस रोग का लैंगिक संचरण होना संभव है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c) 

  • जीका वायरस एक फ्लेविवायरस है जिसे पहली बार वर्ष 1947 में बंदरों में और फिर वर्ष 1952 में युगांडा में मनुष्यों में देखा गया था।
  • जीका और डेंगू दोनों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, नेत्रश्लेष्मलाशोथ/कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis), मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता तथा सिरदर्द के लक्षणों में समानता है। इसके अलावा दोनों रोगों के संचरण का तरीका भी समान है, अर्थात् दोनों एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस प्रजाति के मच्छरों द्वारा फैलते हैं।
  • जीका के संचरण के तरीके:
    • मच्छर का काटना।
    • गर्भावस्था के दौरान माँ से बच्चे को, जो माइक्रोसेफली और अन्य गंभीर भ्रूण मस्तिष्क दोष पैदा कर सकता है। जीका वायरस माँ के दूध में भी पाया गया है।
    • संक्रमित साथी से यौन संचरण।

प्रश्न. H1N1 विषाणु का प्रायः समाचारों में निम्निलखित में से किस एक बीमारी के संदर्भ में उल्लेख किया जाता है? (2015)

(a) एड्स (AIDS)
(b) बर्ड फ्लू
(c) डेंगू
(d) स्वाइन फ्लू

उत्तर: (d) 

  • H1N1 वायरस स्वाइन फ्लू से संबंधित है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2009 में H1N1 के कारण होने वाले फ्लू को वैश्विक महामारी घोषित किया था।
  • स्वाइन फ्लू के लक्षणों में बुखार, खाँसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमज़ोरी और शरीर में दर्द शामिल हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस