राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण

संदर्भ

वर्तमान समय में देश में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey-NFHS 5) के पाँचवें संस्करण (NFHS 5- 2018-19 ) का आयोजन किया जा रहा है।

प्रमुख बिंदु

  • NFHS-5 (2018-19) के तहत लक्षित आबादी समूहों के निश्चित आँकड़ों को सतत् विकास समूहों के साथ संरेखित करते हुए बढ़ती आयु के साथ मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा इसके जोखिम कारकों पर विस्तृत विचार- विमर्श किया जाएगा।
  • कुछ समय पहले NFHS-5 का पुनर्गठन किया गया जिसमें विकलांगता, मलेरिया, एचबीए1सी (HbA1c) और विटामिन डी के परीक्षण के लिये DBS का संग्रह और कमर तथा कूल्हे की माप, स्कूल-पूर्व शिक्षा, मृत्यु पंजीकरण आदि शामिल हैं।
  • हालाँकि NACO की सहमति से NFHS-5 से HIV परीक्षण को हटा दिया गया है। इसके अलावा शहरी और ग्रामीण आकलन ज़िला स्तर पर तथा स्लम, गैर-स्लम आकलन की सुविधा NFHS-5 में प्रदान नहीं की जाएगी।
  • NFHS-5 को NFHS-4 का बेंचमार्क मानते हुए योजना बनाई गई है। इसमें मार्च, 2017 तक निर्मित नए 67 ज़िलों सहित 707 ज़िलों (2011 की जनगणना के बाद) को शामिल किया जाएगा, जबकि NFHS-4 में 640 ज़िले शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey- NFHS) के चार राउंड देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आयोजित किये जा चुके हैं, जो निम्नलिखित हैं:
    • 1992-93 (NFHS 1)
    • 1998-99 (NFHS 2)
    • 2005-06 (NFHS-3)
    • 2015-16 (NFHS-4)
  • वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (Annual Health Survey- AHS) के तीन राउंड्स (2010-11, 2011-12 और 2012-13) को भारत सरकार के जनगणना आयुक्त कार्यालय के माध्यम से क्रमशः असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 284 ज़िलों के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में किया गया था।
  • NFHS-1 में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर क्षेत्र को कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण कवर नहीं किया गया था, वहीं सिक्किम को भी बुनियादी पैरामीटर की अनुपलब्धता के कारण इस सर्वेक्षण में शामिल नही किया गया था।
  • NFHS-1, 2, 3 में दिल्ली को छोड़कर किसी अन्य केंद्रशासित प्रदेश को सर्वेक्षण में शामिल नही किया गया था क्योंकि यह सर्वेक्षण राज्यों पर केंद्रित था
  • NFHS-4 में पहली बार राज्य/राष्ट्र स्तर पर आवश्यक विशेषताओं तथा राष्ट्रीय, राज्य एवं ज़िला स्तर पर परिवार कल्याण स्वास्थ्य संकेतकों के आधार पर प्रजनन क्षमता, शिशु और बाल मृत्यु के स्तर का पहली बार एकीकृत सर्वेक्षण किया गया।

स्रोत- PIB