वैश्विक मानव पूंजी सूचकांक

चर्चा में क्यों?

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum - WEF) द्वारा ज़ारी किये गए वैश्विक मानव पूंजी सूचकांक (Global Human Capital Index) के अंतर्गत भारत को 165 देशों में 103वाँ स्थान प्राप्त हुआ है, जो ब्रिक्स देशों में सबसे निम्न है, जबकि इस सूचकांक में नॉर्वे प्रथम स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु

  • एमप्लोयमेंट जेंडर गैप (Employment Gender Gap) के संबंध में भी भारत को "दुनिया में सबसे निम्न" (among the lowest in the world) स्थान दिया गया है, हालाँकि भविष्य में आवश्यक कौशल विकास के संदर्भ में 130 देशों में भारत को 65वां स्थान मिला है।
  • इस सूची को जिनेवा स्थित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum - WEF) द्वारा संकलित किया जाता है। 
  • इसके अंतर्गत किसी भी देश की मानव पूंजी रैंक का मापन करने के लिये ‘वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान करने हेतु उस देश के लोगों के ज्ञान एवं कौशल’ के स्तर को ध्यान में रखा जाता है।
  • पिछले वर्ष इस सूचकांक में भारत को 105वां स्थान प्राप्त हुआ था, जबकि फिनलैंड प्रथम एवं नार्वे को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था। 

ब्रिक्स एवं पड़ोसी देशों की तुलना में भारत की स्थिति 

  • डब्ल्यू.ई.एफ. के अनुसार, ब्रिक्स देशों की तुलना में भारत की स्थिति कमज़ोर है। इस सूचकांक के अंतर्गत रूसी संघ को 16वां स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि चीन को 34वां,  ब्राज़ील को 77वां और दक्षिण अफ्रीका को 87वां  स्थान प्राप्त हुआ है।
  • दक्षिण एशियाई देशों में भी भारत को श्रीलंका और नेपाल की तुलना में निम्न स्थान प्राप्त हुआ है।
  • हालाँकि दो अन्य पड़ोसी राष्ट्रों बांग्लादेश और पाकिस्तान की तुलना में भारत अधिक बेहतर स्थिति में है।

भारत के इस निम्न प्रदर्शन के कारण

  • वैश्विक मानव पूंजी सूचकांक में भारत के निम्न प्रदर्शन के मुख्य कारणों में इसकी लचर शिक्षा व्यवस्था एवं मानव पूंजी के निम्न परिनियोजन यानि उपलब्ध कौशल का समुचित उपयोग न हो पाना जैसे कारकों को रेखांकित किया गया है।
  • इस संबंध में उदाहरण प्रस्तुत करते हुए डब्ल्यू.ई.एफ. ने कहा कि 35-54 वर्ष वाली जनसांख्यिकी के मध्य कुल श्रम बल की भागीदारी के संदर्भ में भारत को 118वां स्थान प्राप्त हुआ है।
  • साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि इसका मुख्य कारण वर्तमान में बहुत से भारतीयों का अनौपचारिक अथवा निरंतर रोज़गारों में संबद्ध होना है।

अन्य देशों की स्थिति

  • इस सूचकांक के शीर्ष 10 देशों में  संयुक्त राज्य अमेरिका (4वें),  डेनमार्क (5वें), जर्मनी (छठे),  न्यूज़ीलैंड (7वें),  स्वीडन (8वें),  स्लोवेनिया (9वें) और ऑस्ट्रिया (10वें) स्थान पर हैं।
  • इस रिपोर्ट के अंतर्गत मानव पूंजी विकास के चार प्रमुख अवयवों; क्षमता (औपचारिक शिक्षा में पिछले निवेश द्वारा निर्धारित),  तैनाती (कार्य के माध्यम से कौशल का संचय),  विकास (मौजूदा श्रमिकों को कौशल युक्त प्रशिक्षण प्रदान करने अथवा न करने) और ज्ञान-कार्य (कार्य हेतु विशेष कौशल के उपयोग) के संदर्भ में विश्व के 130 देशों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। 
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर समस्त  मानव पूंजी के 62 प्रतिशत को विकसित कर लिया गया है।
  • वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार, चौथी औद्योगिक क्रांति (Fourth Industrial Revolution) केवल रोज़गार को ही नकारात्मक रूप से प्रभावित नहीं करती है बल्कि इससे आवश्यक कौशल में कमी आई है। यही कारण है कि वर्तमान में समस्त विश्व को प्रतिभा संकट का सामना करना पड़ रहा है।

विश्व आर्थिक मंच

  • विश्व आर्थिक मंच स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है। इसका मुख्यालय जिनेवा में है।
  • यह सार्वजनिक – निजी सहयोग हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। इसका उद्देश्य विश्व के प्रमुख व्यावसायिक, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों तथा अन्य प्रमुख क्षेत्रों के अग्रणी लोगों के लिये एक मंच के रूप में काम करना है। 
  • इसके माध्यम से विश्व के समक्ष मौजूद महत्त्वपूर्ण आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।