एकीकृत लॉजिस्टिक्स और परिवहन नीति लाएगी सरकार

समाचारों में क्यों ?

विदित हो कि सरकार एक एकीकृत, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स और परिवहन नीति तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। इस नीति से देश में लॉजिस्टिक लागत लगभग आधी हो जाएगी और भारतीय उत्‍पाद अधिक स्पर्द्धी हो जाएंगे। गौरतलब है कि वर्तमान ‘प्‍वाइंट टू प्‍वाइंट’ के स्‍थान पर लॉजिस्टिक क्षेत्र के लिये ‘हब एंड स्‍पोक’ नीति अपनाई जाएगी। उल्लेखीय है कि ‘प्‍वाइंट टू प्‍वाइंट’ की तुलना में ‘हब एंड स्‍पोक’ नीति के तहत अपने कार्यों का निष्पादन करने वाले लॉजिस्टिक क्षेत्र के उपक्रमों की लॉजिस्टिक लागत काफी कम हो जाती है।

एकीकृत, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स और परिवहन नीति की कार्ययोजना

  • एकीकृत नीति में 50 आर्थिक गलियारों को बनाना तथा माल ढुलाई की समग्र क्षमता में सुधार के लिये फीडर तथा अंतर-गलियारा मार्गों को उन्‍नत बनाना शामिल है। योजना में 35 मल्‍टी-मॉडल लॉजिस्टिक्‍स पार्क विकसित किये जाएंगे। ऐसे पार्क माल एकत्रीकरण, मल्‍टी मॉडल परिवहन, भंडारण तथा मूल्‍यवर्द्धित सेवाओं के लिये केन्‍द्र के रूप में काम करेंगे। 

  • साथ ही 10 इंटर मॉडल स्‍टेशन बनाने की योजना हैं। यह स्‍टेशन रेल, सड़क, द्रुत आवागमन प्रणाली, बस द्रुत आवागमन प्रणाली, ऑटो रिक्‍शा, टैक्‍सी तथा निजी वाहनों जैसे विभिन्‍न परिवहन मॉडलों को एकीकृत रूप प्रदान करेंगे।

  • गौरतलब है कि एकीकृत परिवहन नीति के तहत लगभग 56,000 किलोमीटर के समग्र नेटवर्क को चिन्हित किया गया है। इसमें वर्तमान राष्‍ट्रीय (स्‍वर्ण चतुष्कोणीय तथा उत्‍तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम गलियारा), प्रस्‍तावित आर्थिक गलियारे, अंतर गलियारा मार्ग तथा फीडर मार्ग शामिल हैं। इसके अतिरिक्‍त इन मार्गों पर 191 शहरों की पहचान की गई हैं, जहाँ भीड़भाड़ और भारी ट्रैफ़िक को कम करने के उपाय किये जाएंगे। अंतर-राज्‍य सीमा आवाजाही से संबंधित प्रलेखन और प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। विदित हो कि लॉजिस्टिक्‍स पार्कों के विकास के लिये चेन्‍नई और विजयवाड़ा को चिन्हित किया गया है।

क्यों महत्त्वपूर्ण हैं यह प्रयास ?

  • इन कदमों से अर्थव्‍यवस्‍था में आपूर्ति श्रृंखला लागत में 5 से 6 प्रतिशत की कमी आएगी। लॉजिस्टिक्‍स पार्कों से परिवहन लागत में 10 प्रतिशत की कमी लाने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्‍त प्रदूषण कम होगा। कम जाम लगेगा और भंडारण लागत कम होगी। उल्लेखनीय है कि यह पहला अवसर है जब परिवहन क्षेत्र के विकास का काम एकीकृत रूप में किया जा रहा है।