दुनियाभर में बढ़ रहे हैं खसरे के मामले : WHO

चर्चा में क्यों?


विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के मुताबिक खसरा (measles) के मामलों की संख्या वर्ष 2017 में बढ़ी है, क्योंकि कई देशों ने इस गंभीर बीमारी का लंबे समय से अनुभव किया जा रहा है।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

  • इस रिपोर्ट में बताया गया है कि टीकाकरण कवरेज में अंतराल के कारण सभी क्षेत्रों में खसरा का प्रकोप बढ़ा है और इस बीमारी से अनुमानित 1,10,000 मौतें हुईं हैं।
  • इस रिपोर्ट में अद्यतन रोग मॉडलिंग डेटा का उपयोग करके, पिछले 17 वर्षों में खसरा प्रवृत्तियों का सबसे व्यापक अनुमान प्रदान किया गया है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2000 से 21 मिलियन से अधिक लोगों को खसरा टीकाकरण के माध्यम से बचाया गया है। हालाँकि, 2016 से दुनिया भर में दर्ज किए गए मामलों में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
  • अमेरिका, पूर्वी भूमध्य क्षेत्र और यूरोप ने 2017 के मामलों में सबसे बड़ी उछाल का अनुभव किया तो वहीं पश्चिमी प्रशांत एकमात्र विश्व स्वास्थ्य संगठन क्षेत्र जहाँ खसरा की घटननाओं में कमी आई है।

खसरा (Measles) क्या है ?

  • खसरा श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से मोर्बिलीवायरस (Morbillivirus) के जीन्स पैरामिक्सोवायरस (paramicovirus) के संक्रमण से होता है।
  • मोर्बिलीवायरस भी अन्य पैरामिक्सोवायरसों की तरह ही एकल असहाय, नकारात्मक भावना वाले RNA वायरसों द्वारा घिरे होते हैं।
  • इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, बहती हुई नाक, लाल आंखें और एक सामान्यीकृत मेकुलोपापुलर एरीथेमाटस चकते भी शामिल है।
  • शुरूआती दौर में मस्तिष्क की कोशिकाओं (brain cell) में सूजन आ जाता है और बाद में समस्या के गंभीर होने पर कई सालों बाद व्यक्ति का मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो जाता है।

स्रोत : बिज़नेस लाइन ( द हिंदू)