2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास

चर्चा में क्यों?
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture & Farmers Welfare - MoA&FW) के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (National Agriculture Science Complex - NASC), पूसा (नई दिल्ली) में "कृषि 2022 - किसानों की आय दोगुनी करने" के विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। 

  • इस सम्मेलन का आयोजन 19 और 20 फरवरी के मध्य किया जाएगा।
  • कृषि और किसानों के कल्‍याण से संबंधित विभिन्न महत्त्वपूर्ण मुद्दों की पहचान करने और उनका उपयुक्त समाधान खोजने के लिये प्रधानमंत्री की सलाह पर इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

उद्देश्य

  • इसका मुख्य उद्देश्य सम्‍मेलन में ऐसे उपयुक्‍त सुझावों पर आम सहमति बनाने का प्रयास करना है, जो वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के सरकार के दृष्टिकोण को आकार प्रदान करने और उसे धारदार बनाने में मदद करेंगे।

प्रमुख बिंदु

  • इस सम्‍मेलन को आयोजित करने के पीछे मुख्‍य सोच देश में किसानों के लाभ के लिये लागू किये जा सकने वाले व्यावहारिक समाधानों तक पहुँच बनाना है।
  • सम्‍मेलन में चर्चा का मुख्‍य केंद्र कृषि‍क्षेत्र के मानवीय पहलू यानी किसान के संदर्भ में विचार-विमर्श करना है।
  • इसके अंतर्गत सात व्यापक विषयों की पहचान की गई है, इसके अतिरिक्त इसमें कुछ उप-वि‍षयों (अनुलग्नक-I) को भी शामिल किया गया है। 
  • सम्‍मेलन में किसानों, किसान संगठनों, वैज्ञानिकों, अर्थशास्‍त्रियों, शिक्षाविदों, व्यापारिक उद्योगों, व्यावसायिक संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों, नीति निर्माताओं और अधिकारियों को विभिन्न विषयों और उप-विषयों पर अपने सुझाव देने के लिये कहा गया है।
  • सम्‍मेलन में कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन, विपणन एंव सहकारिता सहित विभिन्न क्षेत्रों के वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।
  • इन सुझावों के आधार पर बनाई जाने वाली रणनीति को 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की सरकार की उस रणनीति में समाहित किया जा सकेगा, जिसे अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा अंतिम रूप प्रदान किया गया है। 

अशोक दलवाई समिति

  • 13 अप्रैल, 2016 को सरकार ने किसानों की आय पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिये केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय में तत्कालीन अतिरिक्त सचिव अशोक दलवाई के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया।
  • इस रिपोर्ट में तीन क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया गया था- उत्पादकता लाभ, फसल के मूल्य में कमी और लाभकारी मूल्य।
  • इस सामरिक ढाँचे को लेकर चार चिंताएँ भी थीं, जैसे- टिकाऊ कृषि उत्पादन, किसानों के उत्पाद का मौद्रीकरण, विस्तार सेवाओं का पुनः मज़बूतीकरण और कृषि को एक उद्यम के रूप में मान्यता प्रदान करना।
  • इस रिपोर्ट में कृषि, सिंचाई, ग्रामीण सड़कों, ग्रामीण ऊर्जा और ग्रामीण विकास में निवेश की आवश्यकता को पूरा करने के लिये एक आर्थिक मॉडल का उपयोग करने पर भी ज़ोर दिया गया था, जिससे 2015-16 के आधार वर्ष पर वर्ष 2022-23 तक किसानों की दोगुनी आय में 10.41% की वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
  • ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि वर्ष 2002-03 से 2012-13 और इसके आगे के वर्षों में किसानों की वास्तविक आय में प्रतिवर्ष मात्र 3.5% की दर से वृद्धि हुई।