यूरोपियन निवेश बैंक का निर्णय

प्रीलिम्स के लिये:

यूरोपियन निवेश बैंक

मेन्स के लिये:

यूरोपियन निवेश बैंक की नई ऊर्जा ऋण नीति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूरोपियन निवेश बैंक (European Investment Bank- EIB) ने अपनी नई ऊर्जा ऋण नीति के तहत वर्ष 2021 से जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं का वित्तपोषण करने से मना कर दिया है।

मुख्य बिंदु:

  • EIB की नई ऊर्जा ऋण नीति (Energy Lending Policy) को भारी समर्थन के साथ अनुमोदित किया गया है।
  • यह नीति प्राकृतिक गैस के पारंपरिक उपयोग सहित विभिन्न जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं की फंडिंग को प्रतिबंधित करेगा।
  • यूरोपियन संघ (European Union-EU) के सभी सदस्य देशों द्वारा अनुमोदन किये जाने के एक वर्ष बाद यह निर्णय प्रभाव में आएगा।

नई उर्जा ऋण नीति से संबंधित अन्य तथ्य:

  • EIB की नई ऊर्जा ऋण नीति के अनुसार, अब EIB फंडिंग के लिये आवेदन करने वाली उर्जा परियोजनाओं को यह प्रदर्शित करना होगा कि वे 250 ग्राम से कम कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन करते हुए एक किलोवाट/घंटे ऊर्जा का उत्पादन कर सकते हैं। इस कदम से पारंपरिक गैस द्वारा बिजली उत्पादन करने वाले संयंत्रों पर भी प्रतिबंध लग सकता है।
  • EIB की इस नई उर्जा ऋण नीति के अनुसार, नवीन प्रौद्योगिकी पर आधारित गैस परियोजनाएँ अभी भी संभव हैं, जिनमें कार्बन अधिग्रहण और भंडारण की क्षमता, ताप एवं बिजली उत्पादन का संयोजन तथा जीवाश्म प्राकृतिक गैसों को नवीकरणीय ऊर्जा में मिश्रित करने जैसी तकनीकें विद्यमान हों।
  • सभी पर्यावरणीय संगठनों ने EIB के इस निर्णय का सम्मान किया है।
  • यूरोपियन संघ के सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों ने हाल ही में हुई एक बैठक के दौरान जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिये गैस, तेल और कोयला परियोजनाओं को दी जाने वाली फंडिंग को चरणबद्ध तरीके से रोकने का निर्णय लिया था।
  • यूरोपियन संघ आयोग EIB में केवल एक पर्यवेक्षक की भूमिका निभाता है लेकिन यूरोपीय संघ के कार्यकारी निकाय EIB में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में EIB के 28 शेयरधारक सदस्य हैं।

यूरोपियन निवेश बैंक

(European Investment Bank- EIB):

  • EIB की स्थापना वर्ष 1958 में रोम की संधि के अस्तित्व में आने के बाद ब्रुसेल्स (Brussels) में हुई थी।
  • वर्ष 1968 में इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स से लक्ज़मबर्ग (Luxembourg) स्थानांतरित किया गया।
  • EIB यूरोपीय संघ की एक ऋणदाता इकाई है जो विश्व स्तर पर बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान के रूप में जलवायु वित्त के बड़े प्रदाताओं में से एक है।

स्रोत- द हिंदू