Publish Date : 27-01-2021
Question 1:
प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- इसका उद्देश्य देश भर में इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल पहुँच में सुधार के लिये बड़े पैमाने पर वाई-फाई हॉटस्पॉट की स्थापना करना है।
- पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) ऐसी संस्थाएँ हैं जो इंटरनेट बैंडविड्थ की खरीद करेंगी और PM-WANI के अनुरूप वाई-फाई एक्सेस पॉइंट्स की स्थापना और संचालन करेंगी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
केवल 1
केवल 2
1 और 2 दोनों
न तो 1 और न ही 2
Correct Answer : 3
Explanation
उत्तर: C
व्याख्या:
- देश भर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट के प्रसार को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार द्वारा ‘प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस’ (Prime Minister WiFi Access Network Interface) या ‘प्रधानमंत्री वाणी (PM- WANI) योजना’ की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य देश भर में इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल पहुँच में सुधार के लिये बड़े पैमाने पर वाई-फाई हॉटस्पॉट की स्थापना करना है। अतः कथन 1 सही है।
PM-WANI ढाँचे में निम्नलिखित शामिल होंगे:
- सार्वजनिक डेटा कार्यालय (PDO): PDO ऐसी संस्थाएँ हैं जो दूरसंचार/इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से इंटरनेट बैंडविड्थ की खरीद करेंगी और PM-WANI के अनुरूप वाई-फाई एक्सेस पॉइंट्स की स्थापना और संचालन करेंगी। अतः कथन 2 सही है।
- PDO को किसी भी प्राधिकरण के साथ किसी भी प्रकार के लाइसेंस या पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। सेवाएँ प्रदान करने के लिये PDO से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- पब्लिक डेटा ऑफिसर एग्रीगेटर (PDOA): PDOA, PDO का एक एग्रीगेटर होगा और उपयोगकर्त्ताओं के प्राधिकरण एवं सदस्यता शुल्क के लेखांकन से संबंधित कार्य करेगा।
- PDOA को दूरसंचार विभाग (DoT) के साथ पंजीकरण करने की आवश्यकता होगी।
- एप प्रदाता: यह पंजीकृत ग्राहकों के लिये मोबाइल एप विकसित करेगा और वाई-फाई हॉट स्पाट वाले क्षेत्रों में PM-WANI सेवा की उपलब्धता का पता लगाने के बाद उसके अनुरुप एप में इसकी जानकारी प्रदर्शित करेगा ताकि ग्राहक अपने मोबाइल पर इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकें।
- एप प्रदाताओं को DoT के साथ पंजीकरण करने की आवश्यक होगी। DoT के साथ पंजीकरण PDOA और एप प्रदाता दोनों को अखिल भारतीय (Pan India) संचालन की अनुमति प्रदान करेगा।
- केंद्रीय रजिस्ट्री: सभी एप प्रदाताओं, PDOA और PDO के विवरण का रिकॉर्ड रखने के लिये एक केंद्रीय रजिस्ट्री स्थापित की जाएगी।
- यह ढाँचे के विनिर्देशों के अनुपालन के लिये PDOA, एप प्रदाताओं के सिस्टम और सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों को प्रमाणित करेगा।
Question 2:
यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- USOF का गठन वर्ष 2002 में दूरसंचार विभाग के तहत किया गया था।
- इस फंड के सभी क्रेडिट के लिये संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
केवल 1
केवल 2
1 और 2 दोनों
न तो 1 और न ही 2
Correct Answer : 3
Explanation
उत्तर: C
व्याख्या:
यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF)
- यह ग्रामीण और दूरदराज़ के क्षेत्रों में वहन योग्य कीमतों पर लोगों तक गैर-भेदभावपूर्ण गुणवत्तापूर्ण सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology- ICT) सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करता है।
- वर्तमान में इसकी दर 5% है जिसे इस क्षेत्र की कंपनियों द्वारा घटाकर 3% करने की मांग की जा रही है।
- इसका गठन वर्ष 2002 में दूरसंचार विभाग के तहत किया गया था। अतः कथन 1 सही है।
- यह एक गैर-व्यपगत (Non-Lapsable) फंड है, अर्थात् एक लक्षित वित्तीय वर्ष के तहत बकाया राशि लैप्स नहीं होती है जिसे अगले वर्षों के खर्च के लिये अर्जित किया जाता है।
- इस फंड के लिये संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता होती है और इसे भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) अधिनियम, 2003 के तहत वैधानिक समर्थन प्राप्त है। अतः कथन 2 सही है।
Question 3:
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये?
- विज्ञापन उद्योग के नियमन के लिये ASCI की स्थापना वर्ष 1985 में की गई थी।
- ASCI, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
केवल 1
केवल 2
1 और 2 दोनों
न तो 1 और न ही 2
Correct Answer : 2
Explanation
उत्तर: B
व्याख्या:
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI)
- वर्ष 1985 में स्थापित भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (Advertising Standards Council of India- ASCI) उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु विज्ञापन में स्व-नियमन (Self-Regulation in Advertising) के लिये प्रतिबद्ध है। अतः कथन 1 सही है।
- यह भारत में विज्ञापन उद्योग का एक स्व-नियामक स्वैच्छिक संगठन है। यह एक गैर-सरकारी निकाय है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
- ASCI का गठन विज्ञापन से जुड़े सभी चार क्षेत्रों के समर्थन से किया गया था। जैसे- विज्ञापनदाता, विज्ञापन एजेंसियाँ, मीडिया (ब्रॉडकास्टर्स एवं प्रेस सहित) और अन्य जैसे PR एजेंसियाँ, मार्केट रिसर्च कंपनी आदि।
Question 4:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018 में एथेनॉल उत्पादन के लिये अधिशेष अनाजों के उपयोग की अनुमति दी गई है।
- सरकार ने पेट्रोल में एथेनॉल समिश्रण के लिये वर्ष 2022 तक 10% का लक्ष्य तय किया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
केवल 1
केवल 2
1 और 2 दोनों
न तो 1 और न ही 2
Correct Answer : 3
Explanation
उत्तर: C
व्याख्या:
- जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018 प्रत्येक श्रेणी के तहत उपयुक्त वित्तीय और राजकोषीय प्रोत्साहन के विस्तार के लिये जैव ईंधन को वर्गीकृत करती है।
- बेसिक जैव ईंधन या पहली पीढ़ी (1G): बायोएथेनॉल, बायोडीज़ल आदि।
- विकसित जैव ईंधन या दूसरी पीढ़ी (2 जी): एथेनॉल, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट (Municipal Solid Waste- MSW) ड्रॉप-इन ईंधन आदि।
- तीसरी पीढ़ी (3 जी): बुटानोल।
- चौथी पीढ़ी (4 जी): आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों से ईंधन।
- इस नीति द्वारा गन्ने का रस, चीनी युक्त सामग्री, स्टार्च युक्त सामग्री तथा क्षतिग्रस्त अनाज, जैसे- गेहूँ, टूटे चावल और सड़े हुए आलू का उपयोग करके एथेनॉल उत्पादन हेतु कच्चे माल के दायरे का विस्तार किया गया है। अतः कथन 1 सही है।
- नीति में राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की मंज़ूरी से एथेनॉल उत्पादन के लिये (पेट्रोल में मिलाने हेतु) अधिशेष अनाजों के उपयोग की अनुमति दी गई है।
- सरकार ने पेट्रोल में एथेनॉल समिश्रण के लिये वर्ष 2022 तक 10% और वर्ष 2030 तक 20% का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब सरकार 20% सम्मिश्रण लक्ष्य प्राप्ति की योजना बना रही है। अतः कथन 2 सही है।
Question 5:
न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- NSIL, भारत सरकार का एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।
- NSIL, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की एक वाणिज्यिक शाखा है।
- यह उपग्रहों और विदेशी ग्राहकों के साथ वाहनों को लॉन्च करने के लिये इसरो के वाणिज्यिक सौदों का प्रबंधन करेगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
केवल 1 और 2
केवल 2 और 3
केवल 3
1, 2 और 3
Correct Answer : 1
Explanation
उत्तर: A
व्याख्या:
- न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (New Space India Limited- NSIL) भारत सरकार का एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है। अतः कथन 1 सही है।
- यह अंतरिक्ष विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत वर्ष 2019 में स्थापित किया गया था।
- इसका मुख्यालय बंगलूरू में है।
- NSIL, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की एक वाणिज्यिक शाखा है, जो भारतीय उद्योगों को उच्च प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष से संबंधित गतिविधियों को सक्षम बनाने की प्राथमिक ज़िम्मेदारी के साथ भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों के माध्यम से निर्मित उत्पादों और सेवाओं के उन्नयन तथा वाणिज्यिक उपयोग के लिये भी उत्तरदायी है। अतः कथन 2 सही है।
- अंतरिक्ष प्रणालियों के औद्योगिक उत्पादन से ध्रुवीय उपग्रह लॉन्च वाहनों (PSLV) को साकार करने में ISRO के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिये NSIL को शामिल किया गया है।
- NSIL, ISRO की मौजूदा वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन से अलग है:
- एंट्रिक्स उपग्रहों और विदेशी ग्राहकों के साथ वाहनों को लॉन्च करने के लिये इसरो के वाणिज्यिक सौदों का प्रबंधन करेगा। अतः कथन 3 सही नहीं है।
- NSIL अंतरिक्ष निर्माण के लिये स्थानीय उद्योगों के लिये क्षमता निर्माण का प्रबंधन करेगा।
Question 6:
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- पेरिस समझौते के कार्यान्वयन के लिये एक उच्च-स्तरीय समिति (AIPA) भारत में कार्बन बाज़ारों के लिये राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण होगी।
- AIPA, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) के संचार का UNFCCC के साथ समन्वय करेगा।
- क्योटो प्रोटोकॉल को बदलने के लिये पेरिस समझौते को वर्ष 2015 में अपनाया गया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
केवल 1
केवल 2 और 3
केवल 2
1, 2 और 3
Correct Answer : 4
Explanation
उत्तर: D
व्याख्या:
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) ने पेरिस समझौते के कार्यान्वयन के लिये एक उच्च-स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया।
- इस समिति में 17 सदस्य हैं, (i) अध्यक्ष के रूप में मंत्रालय का सचिव, (ii) उपाध्यक्ष के रूप में मंत्रालय का अतिरिक्त सचिव (iii) मंत्रालय का अतिरिक्त महानिदेशक (वन) (iv) वित्त, स्वास्थ्य और बिजली सहित 14 मंत्रालयों के संयुक्त सचिव सदस्य।
- यह समिति भारत में कार्बन बाज़ारों के लिये राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण होगी। अतः कथन 1 सही है।
- समिति के कार्यों में शामिल हैं:
- भारत के घरेलू जलवायु परिवर्तन को अंतर्राष्ट्रीय बाध्यताओं के अनुकूल करने के लिये नीतियाँ और कार्यक्रम बनाना।
- राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contributions- NDC) का जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन फ्रेमवर्क (UNFCCC) के साथ समन्वय करना।
- भारत के NDC लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये संबंधित मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी को परिभाषित करना। अतः कथन 2 सही है।
- विश्व के विभिन्न देशों में जलवायु संबंधी पहल को NDC कहा जाता है। इसमें पेरिस समझौते के अंतर्गत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की कार्य योजनाएँ शामिल हैं।
- पेरिस समझौता (जिसे COP-21 के नाम से जाना जाता है) एक महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय समझौता है जिसे जलवायु परिवर्तन और उसके नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिये वर्ष 2015 में विश्व के लगभग प्रत्येक देश द्वारा अपनाया गया था।
- इसने क्योटो प्रोटोकॉल का स्थान लिया जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये एक पूर्व समझौता था। अतः कथन 3 सही है।
Question 7:
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- NCER शिक्षा मंत्रालय (MoE) के तहत एक स्वायत्त संगठन है।
- प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये NCERT एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
केवल 1
केवल 2
1 और 2 दोनों
न तो 1 और न ही 2
Correct Answer : 3
Explanation
उत्तर: C
व्याख्या:
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) वर्ष 1961 में भारत सरकार द्वारा गठित एक स्वायत्त संगठन है, जो स्कूली शिक्षा से संबंधित मामलों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को सहायता प्रदान करने तथा उन्हें सुझाव देने का कार्य करती है। अतः कथन 1 सही है।
- NCERT और इसकी घटक इकाइयों के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- स्कूली शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान करना, उसे बढ़ावा देना और समन्वय स्थापित करना।
- पाठ्यपुस्तक, संवादपत्र और अन्य शैक्षिक सामग्रियों का निर्माण करना तथा उन्हें प्रकाशित करना।
- शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण का आयोजन करना।
- नवीन शैक्षिक तकनीकों और अभ्यासों का विकास व प्रसार करना।
- राज्य शैक्षिक विभागों, विश्वविद्यालयों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग व नेटवर्क स्थापित करना।
- सार्वभौमिक शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना।
- अनुसंधान, विकास, प्रशिक्षण, विस्तार, प्रकाशन और प्रसार गतिविधियों के अलावा NCERT स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों के लिये एक कार्यान्वयन एजेंसी है।
- NCERT अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर विदेशी प्रतिनिधिमंडलों का दौरा और विकासशील देशों के शैक्षिक कर्मियों को विभिन्न प्रशिक्षण सुविधाएँ प्रदान करता है।
- प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये NCERT एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। अतः कथन 2 सही है।