विश्व गौरैया दिवस | 23 Mar 2022

प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य गौरैया के बारे में जागरूकता बढ़ाना और घरेलू गौरैया का संरक्षण सुनिश्चित करना है। 

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विश्व गौरैया दिवस की मुख्य विशेषताएँ:

  • परिचय:
    • द नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया एवं फ्राँस के इको-एसआईएस एक्शन फाउंडेशन द्वारा विश्व गौरैया दिवस मनाने का विचार रखा गया था।
    • इसमें कहा गया था कि घरेलू गौरैया के लिये एक दिन समर्पित किया जाए ताकि उसकी सुरक्षा के बारे में प्रचार किया जा सके।
    • पहला विश्व गौरैया दिवस वर्ष 2010 में मनाया गया था।
  • वर्ष 2022 के लिये थीम:
    •  ‘गौरैया से मुझे प्यार है’ (I Love Sparrows)
  • महत्त्व:
    • गौरैया विलुप्त होने की कगार पर है और इसके संरक्षण एवं जागरूकता बढ़ाने के लिये विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है।
      • हालाँकि पहले हमारे घरों के आसपास गौरैया का दिखना एक आम बात थी तथा उन्हें आसानी से देखा जा सकता था लेकिन वर्तमान में प्रकृति और जैव विविधता के नुकसान के कारण शहरों में गौरैया को देखना और भी मुश्किल हो गया है।
    • गौरैया के संरक्षण और शहरी जैव विविधता के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए इसे एक मंच के रूप में उपयोग करने पर विचार किया गया।
  • काफी सामान्य और व्यापक प्रजातियाँ:
    • घरेलू गौरैया दुनिया की सबसे आम और व्यापक प्रजातियों में से एक है।
    • घरेलू गौरैयों के अलावा गौरैया की अन्य 26 विशिष्ट प्रजातियाँ हैं।
      • ये सभी प्रजातियाँ तीन महाद्वीपों अर्थात् एशिया, अफ्रीका और यूरोप में पाई जाती हैं।
  • गौरैया की संख्या में गिरावट के कारण:

गौरैया की विशेषताएँ:

  • घरेलू गौरैया (पासर डोमेस्टिकस) शायद दुनिया में सबसे व्यापक और सामान्य तौर पर देखा जाने वाला जंगली पक्षी है।
  • इसे यूरोपीय लोगों द्वारा दुनिया भर में पहुँचाया गया और अब इसे न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, भारत और यूरोप सहित दुनिया के दो-तिहाई भूभाग पर देखा जा सकता है।
  • यह केवल चीन, इंडो-चीन, जापान एवं साइबेरिया और पूर्वी व उष्णकटिबंधीय अफ्रीका आदि क्षेत्रों में अनुपस्थित है।

स्रोत: लाइव मिंट