निकोबार द्वीप समूह में खोजा गया नया परजीवी पौधा | 31 Jan 2022

हाल ही में निकोबार द्वीप समूह में परजीवी फूल वाले पौधे का एक नया जीनस (सेप्टेमेरंथस) खोजा गया है।

  • सेप्टेमेरंथस के अलावा, गैर-परजीवी पौधों के चार अन्य जीनस निकोबारियोडेंड्रोन (हिप्पोक्रेटेसी), स्यूडोडिप्लोस्पोरा (रूबियासी), प्यूबिस्टिलिस (रूबियासी), स्पिरेंथेरा, (यूफोरबियासी) भी निकोबार द्वीप समूह से खोजे गए हैं, जो इस क्षेत्र के पारिस्थितिक महत्त्व को उजागर करते हैं। 

परजीवी पौधा:

  • ऐसा पौधा जो अपने पोषण का पूरा या कुछ हिस्सा दूसरे पौधे (पोषक) से उसे बिना लाभ प्रदान किये प्राप्त करता है एवं कभी-कभी उस मेजबान पौधे को अत्यधिक नुकसान पहुँचाता है।
  • एक परजीवी पौधे की परिभाषित संरचनात्मक विशेषता ‘हौस्टोरियम’ है, यह एक विशेष अंग है जो मेजबान पौधे में प्रवेश करता है और दोनों के बीच एक संवहनी संघ का निर्माण करता है।
  • परजीवी पौधे, क्लाइम्बिंग वाइंस, लियनास, एपिफाइट्स और एरोफाइट्स आदि से अलग होते हैं। बाद वाले परजीवी नहीं होते हैं, क्योंकि वे अन्य पौधों का उपयोग पानी या पोषक तत्त्वों के प्रत्यक्ष स्रोत के बजाय केवल एक संरचना के रूप में करते हैं।

प्रमुख बिंदु

Parasitic-Plant

  • परिचय:
    • ‘सेप्टेमेरंथस’ जीनस पौधे की प्रजाति ‘हॉर्सफील्डियाग्लाब्रा’ (ब्लूम) वारब के सहारे बढ़ता है।
    • ‘सेप्टेमेरंथस’ केवल आंशिक रूप से अपने मेज़बान पर निर्भर करता है, लेकिन इसमें प्रकाश संश्लेषण हेतु सक्षम पत्ते भी मौजूद होते हैं।
    • यह केवल निकोबार द्वीप समूह के लिये ही स्थानिक है।
    • ‘सेप्टेमेरंथस’ नाम लैटिन शब्द 'सेप्टम' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'सात', जो फूलों की व्यवस्था के क्रम का वर्णन करता है।
    • यह जीनस ‘लोरेंथेसी’ परिवार से संबंधित है, जो सैंडलवुड (चंदन) ऑर्डर के तहत एक हेमी-पैरासाइट है, जो कि काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
      • हेमी-पैरासाइट पौधे अपने पोषण के लिये आंशिक रूप से अपने मेज़बान पौधों पर निर्भर होते हैं।
  • विशेषताएँ:
    • पौधे की पत्तियाँ बहुत लंबी नोक वाली दिल के आकार की होती हैं तथा अंडाशय, फल और बीज 'यूर्सोलेट (urceolate)' (मिट्टी के घड़े के आकार के) होते हैं।
    • इसकी एक संशोधित जड़ संरचना पेड़ के तने पर फैली रहती।
  • अर्द्ध-परजीवी (Hemi-Parasites):
    • अर्द्ध-परजीवी को आमतौर पर मिस्टलेटो (mistletoes) के रूप में भी जाना जाता है जिसमें लगभग 2,200 से अधिक प्रजातियाँ शामिल हैं।
    • दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण आवासों में इनके वितरण को विकसित और प्रदर्शित करने के लिये उन्हें एक पोषिता पेड़ या झाड़ी की आवश्यकता होती है जो क्रम में लगभग पाँच गुना विकसित और वन पारिस्थितिकी, विकृति विज्ञान एवं चिकित्सा में महत्त्वपूर्ण हैं।
    • वे एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे फ्रुजीवोरस (frugivorous- फलों को खाने वाले) पक्षियों के लिये भोजन प्रदान करते हैं।

Partial-Parasite

स्रोत: द हिंदू