एक्रॉस योजना | 25 Nov 2021

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पांँच वर्ष (2021-2026) के अगले वित्त (15वें) चक्र के लिये अपनी आठ उप-योजनाओं के साथ-साथ ‘एटमॉस्‍फेयर एंड क्‍लाइमेट रिसर्च-मॉडलिंग आब्ज़र्विंग सिस्‍टम्‍स एंड सर्विसेज़’ (Atmosphere & Climate Research-Modelling Observing Systems & Services- ACROSS) योजना को जारी रखने की मंज़ूरी दे दी है। 

प्रमुख बिंदु 

  • एक्रॉस योजना के बारे में:
    • एक्रॉस योजना, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के वायुमंडलीय विज्ञान कार्यक्रमों से संबंधित है और यह मौसम एवं जलवायु से जुड़ी सेवाओं के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है।
    • इनमें से प्रत्येक पहलू को ‘एक्रॉस’(ACROSS) की समग्र योजना के तहत आठ उप-योजनाओं के रूप में शामिल किया गया है, निम्नलिखित आठ योजनाओं के माध्यम से उपर्यक्त कार्यों को पूरा करने के लिये प्रत्येक संस्थान की एक निर्दिष्ट भूमिका है।
      • पोलारिमेट्रिक  डॉप्लर वेदर रडार- DWRs
      • पूर्वानुमान प्रणाली का उन्नयन- IMD
      • मौसम एवं जलवायु से जुड़ी सेवाएंँ- IMD
      • वायुमंडलीय प्रेक्षण नेटवर्क- IMD
      • मौसम एवं जलवायु की संख्यात्मक मॉडलिंग- NCMRWF
      • मानसून मिशन III
      • मानसून संवहन, बादल और जलवायु परिवर्तन- MC4
      • उच्च प्रदर्शन वाली कंप्यूटिंग प्रणाली- HPCS
  • कार्यान्वयन:
    • यह योजना पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) द्वारा भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF), भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) जैसी इकाइयों के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है।
  • महत्त्व:
    • यह योजना मौसम, जलवायु एवं समुद्र के बारे में बेहतर तरीके से पूर्वानुमान एवं सेवाएंँ और अन्य जोखिम संबंधी सेवाएंँ प्रदान करेगी। इसमें चक्रवात, तूफानी लहरों, हीट वेव और तड़ित झंझा से संबंधित चेतावनी शामिल होगी।
    • पूर्वानुमान से जुड़ी सूचनाओं को तैयार करने से लेकर इनके वितरण तक की पूरी प्रक्रिया में हर स्तर पर काफी संख्या में श्रमशक्ति की ज़रूरत होती है, जिससे कई लोगों के लिये रोज़गार के अवसर पैदा होते हैं।

Atmosphere