UP PCS Mains-2024

दिवस- 41: राष्ट्रीय सौर मिशन और भारत का हरित ऊर्जा भविष्य का मार्ग। (700 शब्द)

20 Apr 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 6 | उत्तर प्रदेश स्पेशल

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

परिचय:

  • किसी उद्धरण या डेटा के साथ उत्तर की शुरुआत कीजिये: "सूर्य सभी प्रकार की ऊर्जा का स्रोत है। इसका दोहन करने से भारत स्थायी रूप से प्रकाशमान हो सकता है।"
  • भारत की ऊर्जा चुनौतियों का संक्षेप में परिचय दीजिये: जैसे- जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु प्रतिबद्धताएँ।
  • ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में राष्ट्रीय सौर मिशन की शुरुआत का उल्लेख कीजिये।

मुख्य भाग:

संदर्भ: सौर ऊर्जा क्यों?

  • भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग (वर्ष 2040 तक दोगुनी होने का अनुमान)
  • जीवाश्म ईंधन पर अधिक निर्भरता (वर्तमान विद्युत का ~75%)
  • जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताएँ (पेरिस समझौता, वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो)
  • भौगोलिक लाभ: भारत में प्रतिवर्ष 300 से अधिक धूप वाले दिन होते हैं (~5,000 ट्रिलियन kWh क्षमता)

राष्ट्रीय सौर मिशन: दृष्टि और विकास

  • इसे जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) के तहत वर्ष 2010 में शुरू किया गया।
  • उद्देश्य:
    • वर्ष 2022 तक 100 गीगावाट सौर क्षमता प्राप्त करना (यह लक्ष्य संशोधित कर वर्ष 2030 तक 280 गीगावाट किया गया)
    • ग्रिड से संबंधित और ऑफ-ग्रिड सौर अनुप्रयोगों को बढ़ावा देना
    • सौर पैनलों और मॉड्यूलों के स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देना
  • कार्यान्वयन के चरण:
    • चरण I (वर्ष 2010-2013): ऑफ-ग्रिड और रूफटॉप सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करना
    • चरण II (वर्ष 2013-2017): उपयोगिता-स्तरीय ग्रिड सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना
    • चरण III (वर्ष 2017 से आगे): प्रतिस्पर्द्धी बोली, अल्ट्रा-मेगा सौर पार्क

मिशन की उपलब्धियाँ:

  • स्थापित सौर क्षमता: ~74 गीगावाट (वर्ष 2024 की शुरुआत तक)
  • सौर ऊर्जा तैनाती में भारत विश्व में 5वें स्थान पर
  • NSM के अंतर्गत प्रमुख पहल:
    • सौर पार्क योजना
    • किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM)
    • रूफटॉप सौर कार्यक्रम चरण-II
  • रोज़गार सृजन: वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 1.6 मिलियन से अधिक हरित रोज़गारों का अनुमान
  • ग्रामीण और ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में बेहतर ऊर्जा पहुँच

सौर मिशन के कार्यान्वयन में चुनौतियाँ:

  • बड़े सौर पार्कों के लिये भूमि अधिग्रहण संबंधी मुद्दे
  • ग्रिड एकीकरण एवं भंडारण: सौर ऊर्जा की अस्थायी प्रकृति
  • आयात पर निर्भरता: 80% से अधिक सौर मॉड्यूल आयातित (मुख्य रूप से चीन से)
  • वित्तीय व्यवहार्यता: डिस्कॉम की खराब स्थिति और भुगतान में देरी
  • जागरूकता और वित्तपोषण की कमी

हरित ऊर्जा भविष्य हेतु आगे की राह

  • घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा: सौर मॉड्यूल के लिये PLI योजना
  • भंडारण समाधान: बैटरी प्रौद्योगिकियों, पंप हाइड्रो में निवेश करना
  • अनुसंधान एवं नवाचार: पेरोवस्काइट सौर सेल, फ्लोटिंग सौर छत और विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा के विस्तार के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देना
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग :
    • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) : भारत की नेतृत्वकारी भूमिका
    • सीमापार सौर ऊर्जा व्यापार (वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड पहल)
  • नीतिगत सुधार: बेहतर ग्रिड अवसंरचना, समय-आधारित टैरिफ, कार्बन मूल्य निर्धारण

निष्कर्ष:

  • भारत के हरित ऊर्जा परिवर्तन को साकार करने के क्रम में राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन की केंद्रीय भूमिका पर प्रकाश डालिये।
  • इस बात पर बल दीजिये कि सौर ऊर्जा सिर्फ पर्यावरणीय आवश्यकता नहीं है बल्कि आर्थिक और रणनीतिक अनिवार्यता भी है।
  • अंत में एक दूरदर्शी विचार के साथ निष्कर्ष दीजिये: “सूर्य का दोहन अब एक विकल्प नहीं है - यह कम कार्बन वाले विश्व में भारत की नियति है।”