UP PCS Mains-2024

दिवस- 41: आयुष्मान भारत: भारत में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की ओर। (700 शब्द

20 Apr 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 6 | उत्तर प्रदेश स्पेशल

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

परिचय:

  • किसी प्रभावशाली उद्धरण या तथ्य से शुरुआत कीजिये। उदाहरण के लिये, बुद्ध ने कहा था, “स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है।” फिर भी भारत में कई लोगों के लिये गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच अभी भी दुर्लभ है।
  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC)- बताइये कि इसका आशय यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोगों को वित्तीय कठिनाई के बिना आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच प्राप्त हो।
  • भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य को बदलने के उद्देश्य से एक प्रमुख योजना के रूप में आयुष्मान भारत का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
  • परिचय को एक कथन के साथ समाप्त कीजिये: बताइये कि आयुष्मान भारत निवारक, प्रोत्साहक, उपचारात्मक और वित्तीय सुरक्षा रणनीतियों को एकीकृत करने के क्रम में UHC प्राप्त करना, भारत का साहसिक कदम है।

मुख्य भाग:

पृष्ठभूमि: भारत का स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य

  • स्वास्थ्य संकेतकों और चुनौतियों का वर्णन कीजिये:
    • कम सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय (GDP का ~2%)
    • उच्च आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (OOPE ~55%)
    • शहरी-ग्रामीण असमानता
    • बीमा कवरेज का अभाव
  • वैश्विक संदर्भ का उल्लेख कीजिये– SDG 3 (अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण) के प्रति भारत की प्रतिबद्धता

आयुष्मान भारत: दो-आयामी दृष्टिकोण

  1. स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (HWC)
    • उद्देश्य: प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को मज़बूत करना।
    • सेवाएँ: निःशुल्क निदान, दवाएँ, एनसीडी जाँच, मानसिक स्वास्थ्य, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य।
    • लक्ष्य: 1.5 लाख उप-केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में परिवर्तित करना।
    • महत्त्व: निवारक एवं प्रोत्साहक स्वास्थ्य देखभाल।
  2. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)
    • विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना
    • 10.74 करोड़ कमज़ोर परिवारों (~50 करोड़ व्यक्ति) को कवर किया गया।
    • स्वास्थ्य कवर: प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपए।
    • सूचीबद्ध सार्वजनिक/निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार।
    • संपूर्ण भारत में पोर्टेबिलिटी।

आयुष्मान भारत और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज

  • पहुँच: स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के माध्यम से वंचित क्षेत्रों तक पहुँचना।
  • वहनीयता: PM-JAY के माध्यम से स्वास्थ्य व्यय से वित्तीय सुरक्षा।
  • उपलब्धता: अस्पताल नेटवर्क का विस्तार करना।
  • गुणवत्ता: सेवा-स्तरीय मानक निर्धारित करना, अस्पताल के मानकों में सुधार करना।
  • समानता: सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों को प्राथमिकता देना।

अब तक की उपलब्धियाँ

  • PM-JAY के तहत 5 करोड़ से अधिक अस्पताल में भर्ती।
  • OOPI में कमी
  • महिला सशक्ततीकरण: 47% लाभार्थी महिलाएँ
  • ABDM (आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन) के माध्यम से उन्नत डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र।

चुनौतियाँ और सीमाएँ

  • कवरेज अंतराल: SECC-आधारित लक्ष्यीकरण में बहिष्करण त्रुटियाँ।
  • जागरूकता: ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न स्तर।
  • गुणवत्ता नियंत्रण: निजी अस्पतालों की निगरानी और धोखाधड़ी को रोकना।
  • बुनियादी ढाँचा: कुछ राज्यों में कमज़ोर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रणाली।
  • मानव संसाधन: प्रशिक्षित स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी।

आगे की राह/आवश्यक सुधार

  • लाभार्थी आधार को SECC सूची से परे करना।
  • आशा एवं ANM कार्यकर्त्ताओं के माध्यम से अंतिम बिंदु तक वितरण को मज़बूत करना।
  • राज्य स्वास्थ्य योजनाओं के साथ अंतरसंचालनीयता सुनिश्चित करना।
  • टियर-2, टियर-3 शहरों में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना।
  • डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देना।
  • स्वास्थ्य वित्तपोषण में सुधार करना- सार्वजनिक व्यय में सकल घरेलू उत्पाद का 2.5-3% रखने का लक्ष्य।
  • व्यवहार परिवर्तन और जागरूकता के लिये सामुदायिक सहभागिता।

निष्कर्ष :

  • स्वास्थ्य उत्पादकता, समृद्धि और गरिमा का आधार है।
  • आयुष्मान भारत महज एक योजना नहीं है बल्कि स्वास्थ्य सेवा में एक आदर्श बदलाव है।
  • राजनीतिक इच्छाशक्ति, सहकारी संघवाद और नागरिक जागरूकता के साथ भारत को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के करीब लाया जा सकता है।
  • “सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, सार्वजनिक स्वास्थ्य के तहत प्रस्तुत की जाने वाली सबसे शक्तिशाली अवधारणा है।” - डॉ. मार्गरेट चैन, पूर्व विश्व स्वास्थ्य संगठन महानिदेशक
  • एक आशावादी, दूरदर्शी वक्तव्य के साथ निष्कर्ष लिखें: “स्वस्थ भारत, मज़बूत भारत का आधार है और आयुष्मान भारत से इसका मार्ग प्रशस्त हो सकता है।”