RAS Mains 2024

दिवस- 9: भारत के प्रायद्वीपीय पठार की प्राकृतिक संरचना को समझाइये? (50 शब्द)

07 Jun 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | भूगोल और इकॉनमी

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • एक संक्षिप्त परिचय से उत्तर लेखन की शुरुआत कीजिये जो विषय का सार प्रदान करता हो।
  • बिंदुओं में गठन, संरचना, विभाजन और भौतिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
  • उचित निष्कर्ष दीजिये।

परिचय: भारत का प्रायद्वीपीय पठार देश की सबसे पुरानी और सबसे विशिष्ट भौतिक विशेषताओं में से एक है। यह गोंडवाना भूमि के टूटने और बहने से बना है। यह पठार प्राचीन चट्टानों से बना है और भारत का एक महत्त्वपूर्ण भूवैज्ञानिक क्षेत्र है।

मुख्य भाग:

  • संरचना: प्रायद्वीपीय पठार का निर्माण गोंडवाना भूमि के टूटने से हुआ, जिससे यह भारत के सबसे पुराने भूभागों में से एक बन गया।
  • संरचना: यह मुख्य रूप से प्राचीन क्रिस्टलीय, आग्नेय और कायांतरित चट्टानों से बना है।
  • प्रभाग:
    • मध्य उच्चावच: नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित, मालवा पठार जैसे क्षेत्रों को कवर करता है।
    • दक्कन का पठार: नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित एक त्रिकोणीय भूभाग।
  • भौतिक विशेषताएँ:
    • इस पठार में चौड़ी, उथली घाटियाँ और विंध्य तथा कैमूर पहाड़ियों जैसी वृत्ताकार पहाड़ियाँ हैं।
    • यहाँ की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता डेक्कन ट्रैप है, जो ज्वालामुखीय चट्टानों से निर्मित काली मृदा का क्षेत्र है।
    • दक्कन पठार के भाग पश्चिमी और पूर्वी घाट को वैश्विक जैवविविधता हॉटस्पॉट के रूप में मान्यता प्राप्त है।

निष्कर्ष: प्रायद्वीपीय पठार विशिष्ट भूवैज्ञानिक और जैविक विशेषताओं वाला एक प्राचीन भूभाग है, जो भारत की स्थलाकृति एवं जैवविविधता में, विशेष रूप से दक्कन के पठार व घाटों के माध्यम से, महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।