दिवस- 5: वैश्वीकरण ने आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक आयामों के संदर्भ में भारतीय समाज को किस प्रकार प्रभावित किया है? (50 शब्द)
03 Jun 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | भारतीय समाज
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- भारत पर वैश्वीकरण के व्यापक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए संक्षिप्त परिचय से उत्तर की शुरुआत कीजिये।
- आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभावों को स्पष्ट बिंदुओं में प्रस्तुत कीजिये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
वैश्वीकरण ने हाल के दशकों में भारतीय समाज को महत्त्वपूर्ण रूप से बदल दिया है। इसने नए आर्थिक अवसर खोले हैं, साथ ही सांस्कृतिक और सामाजिक चुनौतियाँ भी पेश की हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ भारत के एकीकरण ने विकास के साथ-साथ असमानताएँ भी उत्पन्न की हैं।
मुख्य भाग:
- आर्थिक प्रभाव: वैश्वीकरण ने व्यावसायिक अवसरों और आय का विस्तार करके शहरी मध्यम वर्ग एवं अभिजात वर्ग को बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया है।
- सांस्कृतिक प्रभाव: यह उपभोक्तावाद और पश्चिमी जीवन शैली को बढ़ावा देता है, जिससे पारंपरिक मूल्यों का क्षरण होता है, विशेष रूप से जनजातीय समुदायों में।
- सीमांत समूह: दलितों, जनजातियों और ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक सेवाओं की सुगम्यता में कमी एवं पारंपरिक आजीविका से विस्थापन के कारण नुकसान का सामना करना पड़ता है।
- महिलाओं का शोषण: सौंदर्य प्रतियोगिताओं और उपभोक्ता संस्कृति के माध्यम से बढ़ती वस्तुकरण से महिलाएँ प्रभावित होती हैं, जबकि गरीब महिलाएँ अधिकतर कम वेतन वाले अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करती हैं।
निष्कर्ष:
वैश्वीकरण कुछ वर्गों के लिये अवसर उत्पन्न करता है लेकिन अन्य वर्ग के लिये असमानता को बढ़ाता है। यह कमज़ोर समुदायों में सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक सामंजस्य को खतरे में डालता है। समावेशी विकास और सांस्कृतिक संरक्षण सुनिश्चित करने के लिये एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है।