RAS Mains 2024

दिवस-6: फ्रेडरिक हर्ज़बर्ग के अभिप्रेरणा के अभिप्रेरक-स्वच्छता सिद्धांत की व्याख्या कीजिये। (100 शब्द)

04 Jun 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 1 | डाटा इंटरप्रिटेशन

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • हर्ज़बर्ग और उनके सिद्धांत के उद्देश्य के संदर्भ में संक्षिप्त परिचय से उत्तर लेखन आरंभ कीजिये।
  • सिद्धांत के प्रमुख सिद्धांतों को उदाहरणों सहित स्पष्ट रूप से समझाइये।
  • उचित निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

फ्रेडरिक हर्ज़बर्ग के अभिप्रेरक-स्वच्छता सिद्धांत, जिसे 1950 के दशक में प्रस्तावित किया गया था, के अनुसार संतुष्टि और असंतोष अलग-अलग कारकों से उत्पन्न होते हैं। पूर्ववर्ती मॉडलों के विपरीत, इसने अलग-अलग अभिप्रेरकों और स्वच्छता कारकों पर प्रकाश डाला, जो संगठनात्मक व्यवहार एवं मानव संसाधन प्रबंधन को बहुत प्रभावित करते हैं।

मुख्य भाग:

  • कार्य संतोष और असंतोष एक ही निरंतर श्रेणी के दो पहलू नहीं हैं, बल्कि ये अलग-अलग कारकों से उत्पन्न होते हैं।
  • 'हाइजीन तत्त्व' (जैसे: वेतन, रोज़गार सुरक्षा, कार्य स्थितियाँ) असंतोष को रोकते हैं किंतु संतोष उत्पन्न नहीं करते।
  • 'प्रेरक तत्त्व' (जैसे: पहचान, उपलब्धि, उत्तरदायित्व) कार्य संतोष और प्रेरणा को सक्रिय रूप से बढ़ावा देते हैं।
  • अंतःप्रेरित तत्त्वों का संबंध संतोष से होता है, जबकि बाह्य तत्त्व प्रायः असंतोष का कारण बनते हैं।
  • केवल असंतोष को हटाने से संतोष की प्राप्ति नहीं होती, यह केवल एक 'तटस्थ अवस्था' उत्पन्न करता है।

निष्कर्ष:

हर्ज़बर्ग का अभिप्रेरक-सिद्धांत कर्मी अभिप्रेरणा की समझ में आज भी प्रभावशाली बना हुआ है। हालाँकि इसे बाद में उसकी सरलता के लिये आलोचना का विषय बनाया गया, फिर भी 'हाइजीन' और 'प्रेरक' तत्त्वों के बीच का उसका अंतर आज भी व्यापक रूप से स्वीकार्य है। यह कार्यस्थल की उत्पादकता और मनोबल को बेहतर बनाने के लिये दोनों पक्षों को संतुलित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।